Jharkhand Politics: झारखंड बीजेपी नेताओं को छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी, JMM ने साधा निशाना
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है. जिसकी तैयारियों में बीजेपी अभी से जुट गई है.
highlights
- झारखंड बीजेपी नेताओं को छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी
- बीजेपी नेताओं में नई जिम्मेदारी को लेकर उत्साह
- JMM ने झारखंड बीजेपी नेताओं पर साधा निशाना
Ranchi:
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है. जिसकी तैयारियों में बीजेपी अभी से जुट गई है. झारखंड के कई बड़े नेताओं से लेकर से विधायक तक को पार्टी को जीताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिस पर अब झारखंड में सियासत शुरू हो गई है. विरोधी इससे चुनावी तफरी बताकर हमलावर हैं तो झारखंड बीजेपी नेता 2024 से पहले खुद को साबित करने का मौका मान रहे हैं.
बीजेपी नेताओं में उत्साह
बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने झारखंड के कई नेताओं की चुनावी ड्यूटी छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में लगा दी है. दूसरे प्रदेशों की जिम्मेदारी पर बीजेपी सांसद दीपक ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व हमेशा मुझ जैसे छोटे कार्यकर्ता को जिम्मेदारी देने का काम करता है और उसी उद्देश्य से मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है. वहां के कार्यकर्ताओं को सहयोग करने और कुछ सीखने जा रहा हूं. हमारा लक्ष्य है कि एमपी में फिर से कमल खिलाना है. वहां विकास की किरणों को जमीन पर उतारने का काम किया है. वहां जाकर वहां की जनता के सहयोगी बन कर काम करेंगें.
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JMM ने साधा निशाना
झारखंड बीजेपी के नेता दूसरे प्रदेशों में मिली चुनावी जिम्मेदारी से गदगद हैं और अपने केंद्रीय नेतृत्व की उम्मीदों पर खड़ा उतरने की रणनीति बनाने में जुटे हैं तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे बीजेपी के नेताओं पर हमलावर होते हुए दिख रहे हैं. उनका कहना है कि जो अपने राज्य झारखंड में असरदार हो नहीं रहे, जिनका कोई भाव नहीं वो दूसरे राज्य में जाकर क्या कर लेंगे? उन्होंने आगे कहा कि झारखंड में जो विधानसभा चुनाव हुआ और अब तक जो उप चुनाव हुए हैं, सभी में बीजेपी का क्या हाल रहा सभी जानते हैं. इस बार बीजेपी झारखंड के सिंगल डिजिट में सिमट कर रह जायेगें, ये सबको पता है पर बीजेपी पैसे वाली पार्टी है. संसाधन की कमी नहीं है. इसलिए इसी बहाने घूमते हैं. राजनीतिक तफरी पर जाते हैं. वहां इनके जनाधार और प्रभाव की कोई बात नहीं है.
रिपोर्ट : कुमार चंदन
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