LoC पर ना'पाक' चीन की साजिश नाकाम कर रही बॉर्डर ग्रिड, छिप नहीं पा रहे घुसपैठिये
जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की नई साजिश को नाकाम करने के लिए सीमा पर बॉर्डर ग्रिड को अपग्रेड किया जा रहा है. डिटेक्शन उपकरणों को अपग्रेड कर ग्रिड का हिस्सा बनाया गया है.
highlights
- चीन ने ऑब्जर्वेशन सिस्टम और ड्रोन से बचाती वर्दी दी पाक घुसपैठियों को
- यह देख भारत ने एलओसी पर बदली सुरक्षा चौकसी की अपनी रणनीति
- आधुनिक बॉर्डर ग्रिड की तकनीक से सटीक जानकारी रख रही घुसपैठ की
नई दिल्ली:
चीन अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान का भारत के खिलाफ इस्तेमाल का कोई भी मौका नहीं छोड़ता है. पाकिस्तान से लगती सीमा पर भारतीय सुरक्षा बलों की चौकसी से पाक आतंकियों की घुसपैठ में आती गिरावट को देख उसने अपनी सीमा उनके लिए खोल दी. साथ ही पाकिस्तानी घुसपैठियों को ऐसी वर्दी भी देने लगा, जो लांग रेंज ऑब्जर्वेशन सिस्टम और ड्रोन की निगाह से उन्हें बचाती थी. चीन और पाकिस्तान की इस कारगुजारी को देख अब भारत ने भी सीमा पर अपनी रणनीति बदल दी है. बदली रणनीति के तहत सीमा पर आधुनिक बॉर्डर ग्रिड लगाई जा रही है. आधुनिक तकनीक से सुसज्जित बॉर्डर ग्रिड इन घुसपैठियों की पहचान कर उनकी स्थिति पता लगाने में सीमा पर तैनात जवानों की मदद करती है.
सीमा में घुसते ही मार गिराए जाते हैं घुसपैठिये
जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की नई साजिश को नाकाम करने के लिए सीमा पर बॉर्डर ग्रिड को अपग्रेड किया जा रहा है. डिटेक्शन उपकरणों को अपग्रेड कर ग्रिड का हिस्सा बनाया गया है. साथ ही कई चरणों में जवानों की तैनाती में भी इजाफा किया गया है. सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बॉर्डर ग्रिड को लगातार मजबूत किया जा रहा है. इसकी वजह से घुसपैठियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने पर एक किमी से लेकर तीन किलोमीटर के अंदर ही मार गिराया जाता है. अधिकारी ने कहा भारतीय सुरक्षा बलों की बदली रणनीति के तहत सीमा पर तकनीकी उपकरण और जवानों की तैनाती को एक साथ मिलाकर विभिन्न एजेंसियों के साथ बॉर्डर ग्रिड को घुसपैठ रोकने में कारगर पाया गया है.
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कई किमी तक गतिविधियां आती पहचान में
सूत्रों के मुताबिक नई चुनौतियों के अनुरूप सुरक्षा एजेंसियां भी नए प्रयोग कर रही हैं. इसके तहत सबसे पहले तो सीमा पर तैनात बीएसएफ और सीआरपीएफ समेत स्थानीय पुलिस के साथ आईबी और अन्य खुफिया तंत्र से जुड़ी एजेंसियों का समन्वय कर बहुस्तरीय सूचना तंत्र बनाया गया. इससे सही समय पर सटीक सूचना हासिल करने में मदद मिल रही है. इसके अलावा सीमा पर मोनोकुलर डिवाइस विपरीत दिशा में सीमा पार तीन किलोमीटर तक की गतिविधियों को पकड़ लेती हैं. साथ ही लोरोस, थर्मल इमेज, सैटेलाइट इमेज और ड्रोन से भी आतंकी गतिविधि को पकड़ लिया जाता है. सूचना के आधार पर आतंकियों के खिलाफ पूरी बॉर्डर एक्शन टीम प्रतिक्रिया देती है.
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