लॉकेट चटर्जी: फिल्म इंडस्ट्री से राजनीति में मारी एंट्री, फिर TMC से नाता तोड़ BJP से जोड़ा रिश्ता
लॉकेट चटर्जी का जन्म 4 दिसंबर 1973 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता में हुआ था, वे 47 साल की हैं. ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर चुकीं लॉकेट राजनीति में आने से पहले फिल्मी दुनिया में एक नामचीन शख्सियत थीं.
highlights
- 4 दिसंबर 1973 को कलकत्ता में हुआ था लॉकेट का जन्म
- फिल्मी दुनिया से टीएमसी में किया था प्रवेश
- बाद में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में हुई थीं शामिल
- लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी की टिकट से जीतीं थी चुनाव
नई दिल्ली:
इस साल भारत के 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. 5 जगहों पर हो रहे चुनावों में पश्चिम बंगाल का चुनाव सबसे बड़ा माना जा रहा है क्योंकि यहां पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सीधी टक्कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है. कभी बंगाल में राज करने वाली कम्यूनिस्ट पार्टी का इस बार कोई खास जलवा देखने को नहीं मिल रहा है, लिहाजा इस बार सभी की नजरें टीएमसी और बीजेपी पर ही टिकी हुई हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी एक बड़ा चेहरा हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में लॉकेट चटर्जी हुगली जिले के चुंचुड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. पश्चिम बंगाल की राजनीति में लॉकेट चटर्जी का जबरदस्त जलवा है. आइए जानते हैं, कैसा रहा लॉकेट चटर्जी का राजनीतिक सफर.
जीवनी
लॉकेट चटर्जी का जन्म 4 दिसंबर 1973 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता में हुआ था, वे 47 साल की हैं. ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर चुकीं लॉकेट राजनीति में आने से पहले फिल्मी दुनिया में एक नामचीन शख्सियत थीं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा जगत को कई हिट फिल्में दीं. लॉकेट के पिता का नाम अनिल चटर्जी है. उनके पति प्रसेनजीत भट्टाचार्जी एक जाने-माने पत्रकार हैं. लॉकेट का एक बेटा भी है.
राजनीतिक जीवन
लॉकेट चटर्जी ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. हालांकि, पार्टी के साथ कुछ अनबन के बाद उन्होंने टीएमसी छोड़ दी और साल 2015 मे बीजेपी जॉइन कर लीं. साल 2017 में बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की बीजेपी महिला विंग की अध्यक्ष बना दिया. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के लिए चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज करते हुए संसद का सफर तय किया. हालांकि, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की महत्ता देखते हुए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया है.
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