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अमेरिका के बाद अब जर्मनी ने भारत को चेताया, नाभिकीय, जैविक और रासायनिक हथियार जुटा रहा पाकिस्तान

अमेरिका के बाद अब जर्मनी ने भी माना है कि हाल के वर्षों में अवैध तरीके से नाभिकीय (Nuclear), जैविक (Biological) और रासायनिक (Chemical) हथियारों की तकनीक और संसाधन जुटाने में पाकिस्तान के प्रयासों में तेजी आई है.

Updated on: 16 Nov 2019, 03:59 PM

highlights

  • जर्मन सरकार ने माना पाकिस्तान अवैध तरीके से जुटा रहा परमाणू तकनीक.
  • इसके साथ ही जैविक और रासायनिक तकनीक और हथियारों को भी जुटा रहा.
  • नशाने पर है पड़ोसी देश भारत, जिसके लिए वह तेजी से बढ़ा रहा हथियारों का जखीरा.

New Delhi:

अमेरिका के बाद अब जर्मनी ने भी माना है कि हाल के वर्षों में अवैध तरीके से नाभिकीय (Nuclear), जैविक (Biological) और रासायनिक (Chemical) हथियारों की तकनीक और संसाधन जुटाने में पाकिस्तान के प्रयासों में तेजी आई है. जर्मनी की वाम पार्टियों की ओर से पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में जर्मनी सरकार ने आधिकारिक तौर पर इस तथ्य को स्वीकार किया है. गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिका (US) की 'कंट्री रिपोर्ट ऑन टेरोरिज्म 2018' ने भी माना था कि पाकिस्तान (Pakistan) दुर्दांत आतंकी संगठनों के साथ गलबहियां कर रहा है. जर्मनी की तरह अमेरिकी रिपोर्ट का भी यही मानना है कि पाकिस्तान इस तरह की अवैध हरकतों को भारत के खिलाफ अंजाम देने के लिए अपना रहा है.

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जर्मन सरकार ने पाकिस्तान के नापाक इरादों का किया खुलासा
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्मनी की घरेलू खुफिया एजेंसी बुंदस्मत फ्योर वफासुंग्चुत्ज (BfV) की ओर से पिछले साल जताई गई आपत्तियों और चेतावनी के बाद सरकार ने संसद के पटल पर इस तथ्य को स्वीकार किया है. बीएफवी ने बीते साल ही कहा था कि निरस्त्रीकरण (Proliferation) से जुड़े मामलों में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय नियमों (International Agreements) और प्रतिबंधों (Prohibition) को धता बताते हुए जर्मनी और अन्य दूसरे पश्चिमी देशों (Westrn Countries) से नाभिकीय संसाधन अवैध तरीके से जुटा रहा है. जर्मनी इस लिहाज से संवेदनशील देश है कि वहां नाभिकीय, जैविक और रासायनिक हथियारों और उन्हें ले जाने में सक्षम मिसाइल और अन्य संसाधनों पर व्यापक शोध और अनुसंधान के लिए सामग्री जुटाना अधिक सरल है.

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हाल के वर्षों में पाकिस्तानी प्रयासों में आई तेजी
घरेलू खुफिया एजेंसी (Internal Security Agency) की चिंता जताने के बाद जर्मनी सरकार ने स्वीकार किया था कि 2010 से ईरान (Iran) में अवैध तरीके से नाभिकीय, जैविक और रासायनिक संसाधनों और तकनीक जुटाने में कमी देखने में आई है. इसके विपरीत हाल के सालों में पाकिस्तान ने अवैध तरीके अपना कर व्यापक जनसंहार वाले हथियारों और तकनीक को जुटाने के प्रयास कहीं तेज कर दिए हैं. इस रिपोर्ट में यह भी माना गया था कि इस परिप्रेक्ष्य में उत्तरी कोरिया (South Korea) और सीरिया (Syria) के रवैये में कोई गणात्मक बदलाव नहीं देखा गया था.

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पाकिस्तान नाभिकीय निरस्त्रीकरण कार्यक्रम का विश्वसनीय साथी नहीं
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अभी तक परमाणु निरस्त्रीकरण संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. इसके साथ ही इस अंतरराष्ट्रीय संधि से जुड़े अन्य प्रावधानों खासकर नागरिक परमाणु कार्यक्रम से जुड़े नियमों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों को भी नहीं माना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी देश भारत को लक्ष्य में रखते हुए नाभिकीय कार्यक्रम चला रखे हैं और इस दिशा में अवैध तरीके से तकनीक और संसाधन भी जुटा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान के पास फिलहाल 130 से 140 की संख्या में नाभिकीय हथियार हैं. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान को विश्वसनीय साथी मानने से सिरे से इंकार किया गया है.

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अमेरिकी रिपोर्ट ने भी जताई थी चिंता
गौरतलब है कि जर्मन सरकार के इस स्वीकारनामे से पहले एक अमेरिकी रिपोर्ट (American Report) में भी इसी तरह का इशारा किया गया था. इसमें कहा गया था कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे संगठनों को फंडिंग, रिक्रूटिंग और ट्रेनिंग पर रोक लगाने में नाकाम साबित हुआ है. अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इन संगठनों से जुड़े समूहों को पाकिस्‍तान में आम चुनाव लड़ने की भी इजाजत दी गई है. 'कंट्री रिपोर्ट ऑन टेरोरिज्म 2018' (Country Report on Terrorism) के नाम से प्रकाशित इस दस्तावेज में कहा गया है कि अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने में पाकिस्‍तान असफल रहा है.