logo-image

Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट

Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: हिंदू धर्म में विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत को काफी फलदायी माना गया है. आइए जानते हैं अप्रैल माह में कब रखा जाएगा विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत. साथ ही जानें चंद्रोदय का समय, पूजा मुहूर्त और मंत्र.

Updated on: 26 Apr 2024, 01:11 PM

नई दिल्ली:

Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, इस बार विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा. इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जातक के जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत पर पूरे दिन व्रत रखकर शाम क समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं अप्रैल माह में कब रखा जाएगा विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत. साथ ही जानिए इसका महत्व, शुभ मूहूर्त और मंत्रों के बारे में. 

विकट संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त 

वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरूआत 27 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 20 मिनट से शुरू और इसका समापन अगले दिन यानी 28 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर होगा. 

विकट संकष्टी चतुर्थी 2024 चंद्रोदय का समय

विकट संकष्टी चतुर्थी 2024 चंद्रोदय का समय 27 अप्रैल को रात 10 बजकर 30 मिनट पर है.

विकट संकष्टी चतुर्थी 2024 महत्व

हिंदू धर्म में विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत को काफी फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से सुख- समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि जो भी जातक इस व्रत को रखता है तो उसे भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद मिलता है साथ ही उसके जीवन में चल रही सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है. 

विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत पर जरूर करें इन मंत्रों का जाप

1. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।

2. श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

3. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

4. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

5. ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्

6. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय स्वाहा

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)