Methane Powered Rocket: चीन ने लॉन्च किया दुनिया का पहला मीथेन संचालित रॉकेट, SpaceX को दी मात
China Launch Methane Powered Rocket: चीन ने विज्ञान के क्षेत्र में आज एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली. दरअसल, बुधवार को चीन की एक निजी स्पेस कंपनी ने मीथेन संचालित दुनिया का पहला रॉकेट लॉन्च किया. जिसकी लॉन्चिंग सफल रही.
New Delhi:
China Launch Methane Powered Rocket: चीन की एक निजी एयरोस्पेस कंपनी ने मीथेन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित दुनिया का पहला विशाल रॉकेट लॉन्च कर दिया है. इसके साथ ही चीन ने दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को इस मामले में पीछे छोड़ दिया. बता दें कि चीन की निजी एयरोस्पेस कंपनी लैंडस्पेस ने बुधवार सुबह 9 बजे (स्थानीयसमयानुसार) गोबी रेगिस्तान में स्थित जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से जुके-2 नाम के रॉकेट को लॉन्च किया. इस रॉकेट की लॉन्चिंग सफल रही है और ये सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो गया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाला ये दुनिया का पहला रॉकेट बन गया है, जो पूरी तरह से मीथेन और तरल ऑक्सीजन द्वारा संचालित है.
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स्पेसएक्स को नहीं मिली सफलता
बता दें कि इस साल की शुरुआत में अमेरिका की रिलेटिविटी स्पेस कंपनी का टेरान 1 और स्पेसएक्स कंपनी का स्टारशिप मीथेन ऑक्सीजन से चलने वाले रॉकेट अपने पहले प्रयास में कक्षा में पहुंचने में विफल रहे थे. इससे पहले चीनी कंपनी ने 14 दिसंबर को जुक-2 नाम के रॉकेट को लॉन्च किया था, लेकिन तब ये कक्षा में स्थापित होने में फेल हो गया. लेकिन बुधवार को चीन ने अपने दूसरे प्रयास में ये मुकाम हासिल कर लिया.
उच्च प्रदर्शन और कम लागत वाले होते हैं मीथेन संलालित रॉकेट
गौरतलब है कि मीथेन-संचालित इंजन अपने उच्च प्रदर्शन और कम परिचालन लागत के साथ विशेष रूप से दोबारा प्रयोग करने वाले रॉकेटों की विकासशील प्रवृत्ति के लिए उपयुक्त हैं. इस टेक्नोलॉजी को रॉकेट विज्ञान के नए युग में एक नया प्रयोग माना जा रहा है. अप्रैल में स्पेस पायनियर के मीथेन संचालित तियानलोंग-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद, जुके-2 का सफल प्रक्षेपण इस साल चीन के निजी एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए एक बड़ी सफलता है.
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चार साल में विकसित किया मीथेन संचालित रॉकेट
बता दें कि जुके-2 एक दो चरणों वाला तरल-प्रणोदक वाहक रॉकेट है, जिसमें सभी स्वतंत्र रूप से विकसित इंजन हैं. चाइना स्पेस न्यूज के अनुसार, 3.35 मीटर (10.9 फीट) व्यास वाले 49.5 मीटर (162 फीट) लंबे रॉकेट की पृथ्वी की निचली कक्षा के लिए छह टन और एसएसओ के लिए चार टन की क्षमता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि रॉकेट के पहले चरण में चार तियानके-12 तरल ऑक्सीजन मीथेन इंजन का उपयोग किया जाता है, जो 268 टन का जोर देता है. दूसरा चरण एक तियानके-12 और एक तियानके-11 इंजन को जोड़ता है. वहीं बाद वाला दृष्टिकोण या वेग के लिए ठीक समायोजन के लिए वर्नियर थ्रस्टर के रूप में काम करता है. TQ-12 इंजन का परीक्षण जुलाई 2019 में शुरू किया गया था. कंपनी ने चार साल की कड़ी मेहनत के बाद बुधवार को इसे लॉन्च किया.
- HIGHLIGHTS
- टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चीन ने हासिल की एक और उपलब्धि
- लॉन्च किया मीथेन संचालित दुनिया का पहला रॉकेट
- अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स को नहीं मिली अब तक सफलता
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