जापान समुद्र में छोड़ रहा विशैला पानी, चीन समेत पड़ोसी देशों ने जताई नाराजगी, जाने क्यों है वजह?
Japan Radio Active Water: जापान फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से अगले सप्ताह एडियोएक्टिव तत्व मिला पानी समुद्र में छोड़ने जा रहा है. जिसे लेकर चीन और उसके कई पड़ोसी देशों ने नाराजगी जाहिर की है.
highlights
- समुद्र में जहरीला पानी छोड़ेगा जापान
- चीन समेत कई देशों ने जताई नाराजगी
फुकुशिमा प्लांट से 5 अक्टूबर को छोड़ा जाएगा पानी
New Delhi:
Japan Radio Active Water: जापान एक बार फिर से रेडियोएक्टिव पानी की खेप समुद्र में छोड़ने जा रहा है. जिसे लेकर चीन समेत कई पड़ोसी देशों ने नाराजगी जाहिर की है. लेकिन जापान का दावा है कि ये पानी बिल्कुल साफ है और इसमें से रेडियोएक्टिव तत्वों को निकाल लिया गया है. जिससे किसी जीवधारी को कोई नुकसान नहीं होगा. दरअसल, जापान अगले सप्ताह से फुकुशिमा न्यूक्लियरप्लांट से रेडियो एक्टिव पदार्थ मिला पानी समुद्र में छोड़ेगा. ये दूसरी बार है जब जापान इस तरह का पानी समंदर में छोड़ रहा है. इससे पहले वह 24 अगस्त को 7800 टन पानी समुद्र में डाल चुका है. पानी की दूसरी खेप 5 अक्टूबर को समुद्र में छोडे़गा. इस बारे में टोक्यो इलेक्टिक पॉवर कंपनी ने जानकारी दी.
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चीन ने पहले भी जताई थी नाराजगी
बता दें कि जब जापानी ने पहली बार अगस्त में समुद्र में रेडियो एक्टिवपदार्थ मिला पानी छोड़ा था, तब भी चीन ने नाराजगी जताई थी. जिसके चलते चीन ने जापान की सभी समुद्री खाद्य सामाग्रियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि इस पाबंदी को 11 सितंबर से हटा लिया गया. अब रूस भी जापान समुद्री खाद्य सामाग्रियों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में सोच रहा है.
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परमाणु रिएक्टर विस्फोट ने बढ़ाई चिंता
बता दें कि जापान में 2011 में आई सुनामी के चलते जापान के फुकुशिमा पावर प्लांड में धमाका हुआ था जिससे वहां भारी तबाही हुई थी. सुनामी के चलते परमाणु रिएक्टर का कूलिंग सिस्टम बर्बाद हो गया था, इस वजह से तीन रिएक्टर पिघल गए थे. 2011 में पिघले हुए रिएक्टर को ठंडा करने के लिए अब तक कुल 13 लाख 40 हजार टन पानी का इस्तेमाल किया जा चुका है. इस पानी को इस्तेमाल करने के बाद खुले में छोड़ना भारी पड़ सकता है. क्योंकि रिएक्टर के संपर्क में आने से पानी में रेडियोएक्टिव तत्व घुल गए. जो इंसानों के लिए भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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जापान ने दिया ये तर्क
समुद्र में पानी की दूसरी खेप छोड़ने को लेकर जापान ने तर्क दिया कि समुद्र में छोड़ा जाने वाला पानी सभी लिहाज से सुरक्षित है, क्योंकि पानी से रेडियोएक्टिव तत्वों को छांट लिया गया है. जिसके बाद इंसानी स्वास्थ्य के साथ-साथ मरीन लाइफ को भी इसका कोई खतरा नहीं है. जापान के इन दावों पर ये भी सवाल उठ रहे हैं कि पानी को कितना भी साफ करने के बाद उसमें से ट्रिटियम तत्व को छांटना नामुमकिन है. जिसके चलते कई देशों चिंता भी जता चुके हैं. लेकिन जापान इस पर भी तर्क दे रहा है और उसका कहना है कि पानी में ट्रिटियम की कम मात्रा से कोई नुकसान नहीं होगा.
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