उत्तराखंड में महिला कलाकारों ने किया रामायण का मंचन, सजीव हो उठे पात्र
Uttarakhand: टिहरी बांध दुर्गा पूजा समिति के द्वारा 10 दिन तक भागीरथीपुरम में यह कार्यक्रम किया गया. विजयदशमी के उपलक्ष पर रावण कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला जलाया गया
New Delhi:
Uttarakhand: विजयदशमी के उपलक्ष्य पर टीएचडीसी के द्वारा भागीरथी पुरम में दुर्गा पूजा समिति के माध्यम से महिलाओं ने रामलीला का मंचन किया. इसके साथ ही रावण, मेघनाथ, कुम्भकर्ण पुतला दहन कार्यक्रम किया गया. रामलीला का मंचन करने वाली महिला टीम को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में रामलीला मंचन के लिए आमंत्रित किया. टिहरी बांध दुर्गा पूजा समिति के द्वारा 10 दिवसीय शारदीय नवरात्रि का कार्यक्रम किया गया. इस दौरान अनेकों कार्यक्रम किए गए. टिहरी बांध दुर्गा पूजा समिति के द्वारा अंतिम दिन भव्य तरीके से महिलाओं की टीम ने रामलीला का मंचन किया. जिसमें राम लक्ष्मण सीता हनुमान रावण आदि कलाकारों के द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गई और अंतिम में रावण कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला जलाया गया. रामलीला मंचन में राम के पैदा होने से लेकर धनुष तोड़ने और सीता का विवाह व हनुमान का राम लक्ष्मण के साथ मिलन और उसके बाद रावण वध कार्यक्रम किये गए. जिसे देखने के लिए रात तक भीड़ जुटी रही.
आपको बता दें कि टिहरी बांध दुर्गा पूजा समिति के द्वारा 10 दिन तक भागीरथीपुरम में यह कार्यक्रम किया गया. विजयदशमी के उपलक्ष पर रावण कुंभकरण और मेघनाथ का पुतला जलाया गया. असत्य पर सत्य की विजय को लेकर महिलाओं के द्वारा रामलीला का मंचन किया गया है. वहीं, इस कार्यक्रम में सभी पात्र महिलाएं थीं. टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने कहा कि टिहरी बांध दुर्गा पूजा समिति पिछले कई वर्षों से भागीरथीपुरम में यह कार्यक्रम करते आ रही है, जिसमें हम अनेकता में एकता का संदेश देते हैं. इसमें हम पूरे 9 दिन मां दुर्गा का पूजा करते हैं. जैसे बंगाल में दुर्गा पूजा कार्यक्रम किया जाता है. उसी तरीके से यहां पर यह कार्यक्रम करते हैं. साथ ही उत्तराखंड में जिस तरह की संस्कृति से पूजा अर्चना का कार्यक्रम किया जाता है, उसी तरह यह पूजा कार्यक्रम किया जाता है. टीएचडीसी में बाहर से जितने भी प्रांत से आए हुए लोग सर्विस करते हैं उन सब में एक भाव और एकता पैदा होती है. टीएचडीसी पूरे 9 दिन मां दुर्गा का आह्वान करते हैं और हमारी जो दायित्व और परियोजना है. वह उद्देश्य और भारत देश में हम पावर सेक्टर में हम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाए.
विजयदशमी का दिन हिंदुस्तान के लिए महत्वपूर्ण दिन है, जिसे हम अधर्म पर धर्म की विजय को मानते हैं और भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे. विजयदशमी का पर्व अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण दिवस होता है, जिसे हम मनाते हैं और सबसे महत्वपूर्ण यह कार्यक्रम इसलिए रहा कि जो इस कार्यक्रम में रामलीला का मंचन हुआ उसमें चमोली और रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले महिलाओं के द्वारा कई मातृशक्ति हमारे पास आई हैं, जिन्होंने रामलीला का मंचन किया. इन महिलाओं के अंदर मंचन की जो कल वह बहुत ही सराहनीय है. इसके लिए हम पूरी मातृशक्ति को बधाई देना चाहता हूं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Mishri Ke Upay: चमत्कारी है धागे वाली मिश्री का ये उपाय, बरसने लगेगी देवी लक्ष्मी की कृपा
-
Remove Negative Energy: नकारात्मक ऊर्जा से हैं परेशान, पानी में ये डालकर करें स्नान
-
Shani Jayanti 2024: शनि जयंती के दिन इस तरह करें शनिदेव की पूजा, आर्थिक संकट होगा दूर
-
Mulank 7 Numerology 2024: मई में इस मूलांक के लोगों को मिलने वाले हैं कई नए अवसर, हो जाएं तैयार