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उत्तराखंड में भर्तियों पर रोक नहीं, केवल नए पदों के सृजन पर रोक- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड में भर्तियों पर रोक नहीं लगाई गई है, केवल नए पदों के सृजन पर रोक लगाई गई है.

Updated on: 12 Jun 2020, 05:26 PM

देहरादून:

उत्तराखंड (Uttarakhand) की सरकार इस वक्त कोविड-19 के कारण आर्थिक संसाधनों की कमी से जूझ रही है. इस बीच राज्य में भर्तियों पर रोक की खबरें भी सामने आई हैं, हालांकि इन खबरों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सिरे से खारिज कर दिया है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में भर्तियों पर रोक नहीं लगाई गई है, केवल नए पदों के सृजन पर रोक लगाई गई है. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने बताया कि पहले से सृजित पदों पर भर्ती पर रोक नहीं लगी है. इस सम्बन्ध में जारी शासनादेश में भी यह स्पष्ट किया गया है.

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बता दें कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गुरुवार निर्देश जारी किए थे. इन निर्देशों के अनुसार, रिक्त होने वाले चतुर्थ श्रेणी तथा अन्य तकनीकी पदों पर भी नियमित नियुक्तियां करने पर पाबंदी लगा दी गई है और उनके स्थान पर बाहय स्रोत से काम कराने को कहा गया है. निर्देशों में कहा गया है कि चिकित्सा तथा पुलिस को छोडकर अन्य विभागों में यथासंभव नए पद न स्वीकृत करें तथा अपरिहार्य परिस्थितियों में बाहय एजेंसियों से कार्य करा लिए जाएं.

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दरअसल, उत्तराखंड में आर्थिक कमी से जूझ रही राज्य सरकार ने गुरुवार को खर्चों में कटौती करने का बड़ा फैसला किया. मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह द्वारा इस संबंध में 2020-21 के लिए जारी निर्देशों में कहा कि अतिरिक्त खर्चों के आलोक में प्रशासनिक व्यय में कमी लाए जाने के लिये गंभीर प्रयास अपेक्षित हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले एक दशक में कम्प्यूटरीकरण होने से विभागों के कार्यभार में कमी आयी है, जिसके दृष्टिगत बदले परिवेश में अनुपयोगी पदों को चिन्हित कर उन्हें समाप्त किया जाए और इन पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को अन्य पदों या अन्य विभागों में समायोजित कर दिया जाए.

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