योगी जी! UP के इस जिले की व्यवस्था भगवान भरोसे, बाढ़ से बचने के लिए हो रहा हवन
जब सूखा पड़ता है तो लोग भगवान से की पूजा अर्चना करते हैं. ताकि बारिश हो जाए. लेकिन यूपी का एक जिला ऐसा है जहां नदी की कटान से बचने के लिए हवन किया जा रहा है.
highlights
- घाघरा की कटान से बचने के लिए किया गया हवन
- ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव के बाद नहीं दिख रहे नेता
- जिले से मुहैया नहीं कराया जा रहा जरूरी राशन-पानी
बहराइच:
जब सूखा पड़ता है तो लोग भगवान से की पूजा अर्चना करते हैं. ताकि बारिश हो जाए. लेकिन यूपी का एक जिला ऐसा है जहां नदी की कटान से बचने के लिए हवन किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की 4 तहसीलों में हर वर्ष की भांति इस बार भी बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. घाघरा के कछार में बसे गांवों पर घाघरा अपना कहर बरपाए हुए है. रोज सैकड़ों बीघा फसल नदी में समाहित हो रही है. लगातार हो रही बारिश से जलस्तर भी बढ़ने लगा है जिससे बाढ़ का ख़तरा भी अभी से ही मंडराने लगा है.
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एक तरफ नदी का कहर दूसरी तरफ प्रशासन की अनदेखी से निराश ग्रामीणों में हवन पूजन कर गंगा मइया को मनाने की कोशिश की है. ग्रामीणों ने नदी के तांडव को रोकने के लिए घाघरा के किनारे बाढ़ के प्रकोप से बचाने को लेकर प्रार्थना की. प्रशासन के ढुलमुल रवैये और अनदेखी के चलते निराश ग्रामीण अब गंगा मइया की शरण में जा पहुचे हैं.
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घाघरा किनारे बसे मझरा तौकली 11 सौरेती गावों में कटान ने कहर बरपा रखा है. लगातार फसलें नदी में समाती जा रही हैं. किसान अपनी बर्बादी अपनी ही आँखों से खून के आंसू रोने पर मजबूर हैं. लेकिन जिला प्रशासन है कि उसके माथे पर शिकन नाम तक नहीं आ रही है. इन गांवों के लोग रोज़ धीरे-धीरे बर्बादी की ओर जा रहे हैं.
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लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. आपको बता दें की घाघरा के कछार में बसे कई गावों को नदी लील चुकी है जिसमे खुज्जी, गुलबपुरवा, खाले गाँव हैं. साथ ही कई गाव कटने की कगार पर हैं जिनमें भिरगुपरवा जैसे गाँव शामिल हैं. ग्रामीणों का कहना है की हमारी फसलें, ज़मीन, घर सब नदी लीलती जा रही है.
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लेकिन सरकारी महकमा हाथ पर हाथ धरे बैठा है. कुछ करना तो दूर कटान पीड़ितों को मिलने वाली राहत सामग्री जैसे- तिरपाल, खाना-पानी तक नहीं पहुचाया जा रहा है. एसडीएम एक दो बार आये और हालात देख के चले गए. चुनाव के मौके पर नेता मंत्री सब आये, बड़े-बड़े वादे किए लेकिन अब तक कोई झाँकने नहीं आ रहा है.
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जिला प्रशासन और सत्ताधारी नेताओं की अनदेखी से इन गांवों के लोग काफी निराश हो चुके हैं. एडीएम राम सुरेश वर्मा ने बताया की फिलहाल स्थिति नियंत्रण में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है. थोड़ी बहुत कटान की समस्या है लेकिन वहां भी हम आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं.
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