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नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर हर जिले में खोले जाएं खेल विद्यालय : अशोक चांदना

राजस्थान के युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक चांदना ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि राजस्थान सहित देश में खेलों के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए हर जिले में सुविधा संपन्न खेल विद्यालयों को विकसित किया जाना चाहिए.

Updated on: 16 Nov 2019, 08:14 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान के युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक चांदना ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि राजस्थान सहित देश में खेलों के प्रति रुझान बढ़ाने एवं स्कूली बच्चों को शुरू से खेलों के लिए तैयार करने के लिए हर जिले में सुविधा संपन्न खेल विद्यालयों को विकसित किया जाना चाहिए. इन विद्यालयों को नवोदय विद्यालयों की तरह बोर्डिग स्कूलों के स्तर से विकसित किया जाना चाहिए. चांदना शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन मे केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित राज्यों के खेल मंत्रियों के सम्मेलन में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए बोल रहे थे.

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सम्मेलन में चांदना ने कहा कि राजस्थान में 'खेलो इंडिया' योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं. इसके अंतर्गत महाराणा प्रताप खेल गांव, उदयपुर में 5.50 करोड़ की राशि से सिंथेटिक हॉकी मैदान का निर्माण करवाया जा रहा है. इसी प्रकार श्रीगंगानगर, चूरु और झुंझुनू में 7-7 करोड़ की लागत से सिंथेटिक एथलीट ट्रैक का निर्माण करवाया जा रहा है.

चांदना ने कहा कि राजस्थान में खिलाड़ियों के लिए खेल-सुविधाओं को निरंतर अपग्रेड किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को निरंतर प्रशिक्षण के तहत प्रदेश के 33 जिलों में एवं राज्य स्तर पर होनहार प्रतिभाओं को तराशने और नियमित प्रशिक्षण द्वारा निखारने के लिए प्रशिक्षकों को लगाया गया है तथा जिन प्रशिक्षकों ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त कर राजस्थान का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया है उन प्रशिक्षकों को गुरु वशिष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

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उन्होंने कहा कि राजस्थान में खेलों के समेकित विकास हेतु खेल स्टेडियमों के निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं, जिसके तहत प्रत्येक संभाग, जिला, तहसील एवं ग्राम पंचायत स्तर पर खेल स्टेडियम निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किए जाने का प्रावधान रखा गया है. संभाग स्तर पर स्टेडियम हेतु 10 हेक्टेयर भूमि, जिला स्तर के स्टेडियम हेतु 8.68 हेक्टेयर भूमि, उपखंड स्तर पर स्टेडियम हेतु 8 हेक्टेयर भूमि तथा ग्राम पंचायत समिति स्तर पर स्टेडियम निर्माण हेतु 3 एकड़ भूमि का प्रावधान किया गया है.