कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखना नए मुख्यमंत्री के सामने बड़ी चुनौती : अमन अरोड़ा
बादल सरकार की तर्ज पर कांग्रेस के साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में नीचे से उपर तक जिस प्रकार प्रत्यक्ष राजनीतिक दखलअंदाजी रही, उसने पुलिस-प्रशासन को कानून के अनुसार काम नहीं करने दिया.
highlights
- यूपी-बिहार की तर्ज पर अपराधी पंजाब में भी बेखौफ
- कांग्रेस शासन में अपहरण की 7139 वारदातें दे रही गवाही
- CM गृह विभाग योग्य मंत्री को सौंपे और DGP काबिलअधिकारी को बनाएं
चंडीगढ़:
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि होशियारपुर में अंजाम दी गई नौजवान के अपहरण और फिरौती की एक और वारदात ने स्पष्ट कर दिया है कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के समक्ष लॉ एवं ऑर्डर एक बड़ी चुनौती है.क्योंकि गत साढ़े चार वर्षों में ऐसी 7 हजार से अधिक वारदातें दर्ज हुई हैं. पार्टी हेडक्वार्टर से जारी बयान में वरिष्ठ नेता एवं विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में दिन-दिहाड़े अपहरण और फिरौती मांगने जैसे जघन्य अपराध बिहार और यूपी की तर्ज पर बढऩे लगे हैं.होशियारपुर की वारदात ने मुख्यमंत्री चन्नी को पंजाब की सच्चाई दिखा दी है.इसलिए नवनियुक्त मुख्यमंत्री से अपील है कि वह अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी किसी सक्षम मंत्री को सौंपे और प्रदेश का डीजीपी किसी काबिल अधिकारी को नियुक्त किया जाए.
अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में दस साल बादल सरकार और बीते साढ़े चार साल में कैप्टन सरकार में कानून व्यवस्था (लॉ एवं ऑर्डर) दिन-प्रतिदिन बद से बदतर हुआ है. क्योंकि गृह मंत्रालय को पहले सुखबीर सिंह बादल ने अपने पास रखा लेकिन अपना पूरा ध्यान पंजाब को लूटने और माफिया राज चलाने में लगाए रखा.फिर कैप्टन साढ़े चार वर्ष मुख्यमंत्री रहे लेकिन वह भी फॉर्म हाउस से बाहर नहीं निकले.यदि इन गृह मंत्रियों के एजेंडे पर पंजाब और पंजाब के लोगों की सुरक्षा होती तो प्रदेश में कानून व्यवस्था इस कदर जर्जर न होती.
यह भी पढ़ें:नवजोत सिंह सिद्धू का बड़ा बयान - पंजाब में एक अर्से बाद सौंधी खुशबू महक रही
‘आप’ नेता के अनुसार बादल सरकार की तर्ज पर कांग्रेस के साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल में नीचे से उपर तक जिस प्रकार प्रत्यक्ष राजनीतिक दखलअंदाजी रही, उसने पुलिस-प्रशासन को कानून के अनुसार काम नहीं करने दिया.पहले अकाली ‘जत्थेदार’ पुलिस थानों को ठेकों पर चढ़ाकर रखते थे.उसी तर्ज पर कांग्रेसियों ने भी पुलिस थानों को ठेकों पर चढ़ाए रखा.इससे पुलिस का मनोबल बिल्कुल गिरा और अपराधियों के हौंसले बुलंद होते गए.इन्हीं कारणों से पंजाब में जघन्य अपराध बढ़ते हैं.पंजाब में आज लॉ एंड ऑर्डर के हालात यूपी-बिहार से अधिक बुरे हैं.इसके लिए बादल-भाजपा और कांग्रेस पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं.
अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में बीते साढ़े चार वर्ष में महज अपहरण की ही 7139 वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है.पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2017 में 1446, वर्ष 2018 में 1597, वर्ष 2019 में 1790, वर्ष 2020 में 1395, और वर्ष 2021 में 30 जून तक 910 अपहरण की वारदातें हुई हैं.इनमें से दर्जनों वारदातें फिरौती मांगने की भी शामिल हैं.लेकिन जो लोग अपनों की जान की सुरक्षा के लिए पुलिस के पास न पहुंच फिरौती देकर बाहर से बाहर निपटारा कर लेते हैं, उनकी फिलहाल कोई गिनती नहीं है.
‘आप’विधायक ने कहा कि अपराधियों का बोलबाला इतना है कि आम लोग डरे बैठे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री चन्नी को कानून व्यवस्था को सशक्त करने को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि लोग भय के साए से बाहर निकल सकें.अरोड़ा ने दावा किया कि यदि दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति के साथ पुलिस को कानून के अनुसार काम करने की छूट दे दी जाए तो आपराधिक तंत्र पर महज एक सप्ताह में ही काबू पाया जा सकता है, बशर्ते राजनीतिक दखलअंदाजी खत्म हो. अमन अरोड़ा ने मांग की कि मंत्रियों और अधिकारियों को अनावश्यक दी गई पुलिस सुरक्षा को रिव्यू करने का समय भी आ चुका है. ऐसा नहीं होने से पुलिसकर्मियों की गिनती फील्ड में कम हो चुकी है.इससे शेष पुलिसकर्मियों पर ड्यूटी का अतिरिक्त बोझ पड़ता है. नतीजतन इसका सीधा असर पंजाब के लोगों की सुरक्षा पर पड़ता है.
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