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Chatra Crime: शिक्षा के मंदिर में 'महापाप', टीचर का डर्टी खेल

स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, लेकिन जब इसी मंदिर में पाप होने लग जाए तो फिर आप इसे क्या कहेंगे.

Updated on: 04 Jul 2023, 04:28 PM

highlights

  • शिक्षा के मंदिर में 'महापाप'
  • डर्टी टीचर का गंदा खेल
  • 'गुरू' बना हैवान

Chatra Crime Great sin in the temple of education :

स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, लेकिन जब इसी मंदिर में पाप होने लग जाए तो फिर आप इसे क्या कहेंगे. यूं तो कबीर ने अपने दोहे में गुरु को भगवान से भी पहले का स्थान दिया है लेकिन ज्ञान देने वाले गुरु ही जब हैवान बन जाए तो देश और समाज का क्या होगा. यह कई सवाल इस खबर को पढ़ने के बाद आपके मन में जरूर आएगा. झारखंड के चतरा से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने छात्र और शिक्षक के रिश्ते पर सवाल खड़ा कर दिया. इस खबर ने शिक्षक के साथ ही शिक्षा के मंदिर को भी कलंकित कर के रख दिया है. जहां नौनिहालों और मासूम बच्चों का भविष्य बनाने वाले शिक्षक को ही कटघरे में ला खड़ा किया है. शिक्षक ने ऐसी घिनौनी हरकत की, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पापी शिक्षक को तत्काल गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया.

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शिक्षा के मंदिर में महापाप

यह सनसनीखेज मामला चतरा के घोर नक्सल प्रभावित कुंदा थाना क्षेत्र के बोधाडीह गांव का है. वहीं, अब ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि आरोपी शिक्षक को बर्खास्त कर दिया जाए. बता दें कि शिक्षक पर आरोप है उसने पढ़ाने के बहाने 9वीं कक्षा की छात्रा को बहला-फुसलाकर उसे अपने प्रेम जाल में फंसाया. इसके बाद उसके साथ अनैतिक संबंध बनाया और उसका वीडियो भी बना लिया. शिक्षक यही नहीं रूका बल्कि उसने उस वीडियो को सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया. जैसे ही वीडियो वायरल हुआ गांव में भूचाल आ गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना कुंदा थाना पुलिस को दी और पोस्को एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया.

डर्टी टीचर का गंदा खेल

मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सख्ती के बावजूद नाबालिक नवमी कक्षा की छात्रा के साथ सहायक शिक्षक के द्वारा अश्लील वीडियो वायरल का मामला शांत होने के बजाय और भी तूल पकड़ता जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा है कि गांव के बच्चों का भविष्य गढ़ने और संवारने का जिम्मा शिक्षकों के हाथ में होता है. गांव की सैकड़ों बच्चियों को घर से स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने अभिभावक भेजते है. ताकि उनका भविष्य पढ़ लिख कर संवर सके. लेकिन जब स्कूल में बच्चों का भविष्य संवारने वाले शिक्षक ही उनके साथ अनैतिक संबंध बनाने लगे तो वे सुरक्षित कैसे रहेंगी. ग्रामीणों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर आरोपी सहायक शिक्षक को बर्दाश्त नहीं किया गया तो गांव की बच्चियों को स्कूल नहीं भेजा जाएगा. ना ही उस पापी शिक्षक को जेल से निकलने के बाद स्कूल में पढ़ाने दिया जाएगा.