logo-image

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर साधा निशाना, कहा- खुद को समझते हैं कानून से ऊपर

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी आगामी चुनाव को लेकर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं.

Updated on: 02 Dec 2023, 07:50 PM

highlights

  • बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर साधा निशाना
  • कहा- खुद को समझते हैं कानून से ऊपर
  • नोटिस के बाद भी नहीं पहुंचे ईडी ऑफिस

 

Bokaro:

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी आगामी चुनाव को लेकर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. धनबाद जाने के दौरान बाबूलाल मरांडी ने बोकारो में प्रेस वार्ता की. पीसी के दौरान मरांडी ने हेमंत सरकार पर जमकर जुबानी हमला किया. निशाना साधते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने आप को कानून के ऊपर समझते हैं. इसलिए ईडी के बुलाने पर भी वह ईडी ऑफिस नहीं पहुंचते हैं. इसके साथ ही उन्होंने सरकार आपके द्वार पर भी हमला बोला और कहा कि सीएम यह दावा कर रहे हैं कि वह आपके द्वार पहुंच रही है, लेकिन दूसरी ओर सीएम खुद मलेरिया प्रभावित गांव तक नहीं पहुंच पाए. पहले से दो आवेदन दिए गए हैं, उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है और लोग इस बार कार्यक्रम से दूरी बना रहे हैं. धनबाद सहित राज्य के कई जिलों में क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है. राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है, एक गुपचुप वाला भी सुरक्षित नहीं है. 

यह भी पढ़ें- बीजेपी नेताओं के साथ धोनी की मुलाकात, चर्चाओं का बाजार गर्म

नोटिस के बाद भी नहीं पहुंचे ईडी ऑफिस

हेमंत सोरेन पर हमला करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वह खुद को कानून के ऊपर समझते हैं. ईडी के समन भेजने के बाद भी वह ईडी के दफ्तर पूछताछ के लिए नहीं पहुंचते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं. आगे कहा कि मिशन 2024 के लिए बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कमर कस ली है और जनता तक पहुंचने के लिए पार्टी कई तरह के कार्यक्रम भी चला रही है ताकि हम जनता को भाजपा की नीतियों की जानकारी दे सकें और केंद्र की उपलब्धियों को बता सके. इसके साथ ही राज्य सरकार की गलतियों को उजागर किया जाएगा. 

अबकी बार बाहर का द्वार

झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित कर गृह मंत्री के झारखंड दौरे और पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में भाजपा का राज्य के सत्ता में नहीं आने के वक्तव्य पर प्रदेश भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता का कहना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा देश की सीमा की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों को अपनी घटिया राजनीतिक एजेंडा नहीं बनाए. यह इनकी विकृत मानसिकता प्रदर्शित करता है. राजनीति की अपनी एक मर्यादा होती है, जिसमें सुरक्षा बलों को राजनीति में नहीं घसीटा जाता. वहीं पांच राज्यों के एग्जिट पोल से झारखंड मुक्ति मोर्चा बौखलाहट में आ गई है. पांचों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार स्पष्ट रूप से बनती दिख रही है. इन सब चीजों से बौखला कर झारखंड मुक्ति मोर्चा को यह एहसास हो गया है कि झारखंड में भी हेमंत सोरेन की सरकार के लिए बस यही नारा लगेगा, अबकी बार बाहर का द्वार.