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Cyclone Biporjoy: बिपरजॉय तूफान पर CM भूपेंद्र पटेल का सामने आया Video, जानें कैसे आपदा का किया सामना?

Cyclone Biporjoy : गुजरात में भले ही बिपरजॉय तूफान कमजोर पड़ गया हो, लेकिन अभी भी कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बरसात हो रही है. इस बीच सीएम भूपेंद्र पटेल का बड़ा बयान सामने आया है.

Updated on: 16 Jun 2023, 11:34 PM

गांधीनगर:

Cyclone Biporjoy : चक्रवात तूफान बिपरजॉय ने गुजरात में खूब तबाही मचाई है. तूफान की वजह से राज्य के तटों के पास स्थित कच्छ और सौराष्ट्र में काफी नुकसान पहुंचा है. गुरुवार शाम को ही तूफान का लैंडफॉल हुआ था और ये देर रात जखाऊ बंदरगाह से टकराया था. इसके बाद समंदर के आसपास वाले जिलों में बिपरजॉय ने जमकर कहर बरपाया. तेज हवाओं की वजह से एक हजार से पेड़ गिर पड़े. बड़े बड़े मोबाइल के टॉवर और बिजली के खंभे देखते ही देखते जमीन पर लेट गए. हालांकि, अभी भी वहां तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. बिपरजॉय तूफान को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का एक वीडिया सामने आया है. 

आपको बता दें कि गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल लगातार बिपरजॉय तूफान पर नजर बनाए हुए थे. वे खुद तूफान के बाद के हालात को लेकर बैठकें कर रहे थे और अधिकारियों को जरूरी दिशानिर्देश दे रहे थे. साथ ही वे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी पलपल का अपडेट दे रहे थे. अमित शाह शनिवार को कच्छ में तूफान से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार देर रात एक वीडियो जारी कर कहा कि हम एक बड़ी आपदा से लड़ने में सक्षम हुए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने चक्रवात से होने वाली किसी भी क्षति से बचाव के लिए अथक प्रयास किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में यह संभव हो पाया है. मैं राज्य के लोगों का उनके सहयोग के लिए बहुत आभारी हूं.

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आपको बता दें कि बिपरजॉय तूफान अब उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है. तूफान आधी रात तक गुजरात के उत्तर पूर्व में पहुंच जाएगा. दक्षिण राजस्थान में इसका असर देखने को मिल रहा है. गुजरात सरकार में एवं आपदा प्रबंधन प्रभारी ऋषिकेश पटेल ने कहा कि हमने शेल्टर होम में 54,000 लोगों को शिफ्ट किया था और करीब 80,000 बिजली के खंभे गिरे हैं, सबस्टेशन आदि में खराबी आने होने से विद्युत प्रणाली को काफी नुकसान पहुंचा है. कच्छ में PGVCL के कर्मचारी विद्युत प्रणाली की बहाली के लिए कार्यरत है. चक्रवात की वजह से किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है और करीब 71 पशुओं की जान चली गई है