फिर चर्चा में पूर्णिया विश्वविद्यालय, बिना मान्यता के छात्रों को दी जा रही BBA-BCA की डिग्री
पूर्णिया विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही विवादों में चला आ रहा है. कभी कुलपति के कारण विश्वविद्यालय का नाम धूमिल होता है.
highlights
- फिर चर्चा में पूर्णिया विश्वविद्यालय
- बिना मान्यता के छात्रों को दी जा रही BBA-BCA की डिग्री
- छात्रों ने विश्वविद्यालय पर लगाए आरोप
Purnia:
पूर्णिया विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही विवादों में चला आ रहा है. कभी कुलपति के कारण विश्वविद्यालय का नाम धूमिल होता है, तो कभी परीक्षा विभाग के कारण पूर्णिया विश्वविद्यालय धांधली में पूरे बिहार में नंबर वन पर रहता है, तो कभी पूर्णिया विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक के विवादों में सैकड़ों छात्रों का भविष्य बर्बाद होता दिख रहा है. वहीं, विश्वविद्यालय से जुड़ा नया विवाद सामने आया है. पूर्णिया विश्वविद्यालय को बीसीए-बीबीए की मान्यता प्राप्त नहीं है. बावजूद इसके कॉलेज में इसकी पढ़ाई करवाई जा रही है. विद्यार्थियों को इसकी क्लास दी जा रही है और वह पढ़कर पास आउट भी हो रहे हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि बिहार सरकार से विश्वविद्यालय को इसकी मान्यता नहीं दी गई है.
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बिना मान्यता के कॉलेज में दी जा रही है BBA-BCA की डिग्री
वहीं छात्र नेता का कहना है कि पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लगातार छात्रों का शोषण किया जा रहा है. इससे पूर्व भी कई बार रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला आया हुआ था. फिर पार्ट टू के रिजल्ट में बहुत बड़ी धांधली की गई थी. सैकड़ों छात्रों का रिजल्ट प्रमोट कर दिया गया है. इसका जिम्मेदार पूर्णिया विश्वविद्यालय के पदाधिकारीगण है. बार-बार ऐसे लोगों से कॉपी चेक करवाया जाता है, जिसको कोई ज्ञान ही नहीं है.
छात्रों ने विश्वविद्यालय पर लगाए आरोप
आखिर कब तक छात्रों को परेशान किया जाएगा. वहीं, इस मामले में विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष सीमिति के अध्यक्ष आलोक राज ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. बीबीए ओर बीसीए पढ़ाई की मान्यता ही इस विश्वविद्यालय को नहीं है और राज्य सरकार छात्रों को अनुदान राशि मुहैया करवाती है, जो इस विश्वविद्यालय से पास किए हुए छात्रों को नहीं मिलता. इसका भी खुलासा हुआ है.
कुलपति ने आरोपों पर दिया जवाब
जब मामले को लेकर हमारी टीम ने विश्वविद्यालय के कुलपति राजनाथ सिंह से पूछा तो कुलपति ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है. राजभवन ने मान्यता दिया है, पर राज्य सरकार ने इसको अभी अनुदान के हिसाब से मान्यता नहीं दिया है. जिसे लेकर भी विश्वविद्यालय ने सरकार को पत्र लिखा है. विश्वविद्यालय कर्मियों के सही समय पर नहीं पहुंचने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई कर रही है.
रिपोर्टर- प्रफुल्ल झा
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