logo-image

शिक्षा विभाग में KK पाठक का एक और कार्रवाई, हजारों शिकायतों पर हुआ एक्शन

अपर मुख्य सचिव केके पाठक के लगातार सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के बावजूद बिहार में स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. वहीं, राज्य में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी शिकायतों पर सरकार लगातार एक्शन भी ले रही है.

Updated on: 14 Oct 2023, 04:26 PM

highlights

  • शिक्षा विभाग में KK पाठक का एक और कार्रवाई
  • हजारों शिकायतों पर हुआ एक्शन
  • बिहार एजुकेशन में मचा हलचल

Patna:

अपर मुख्य सचिव केके पाठक के लगातार सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के बावजूद बिहार में स्कूलों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. वहीं, राज्य में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी शिकायतों पर सरकार लगातार एक्शन भी ले रही है. बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर दो माह पहले स्थापित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर ने वह काम कर दिखाया जो विभाग में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों की फौज नहीं कर सकी. इस केंद्र में इंटरनेट सहित 60 से अधिक कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर सिस्टम काम कर रहे हैं, जिसके माध्यम से सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों में संचालित शिक्षा कार्यालयों में प्राप्त जन शिकायतों की निगरानी की जा रही है. इससे 5095 मामलों को निष्पादित किया गया. बता दें कि इससे संबंधित मामलों के निष्पादन में जो पदाधिकारी और कर्मचारी लापरवाह साबित हो रहे हैं, उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है. इससे पदाधिकारी और कर्मचारी भी हो सकते हैं.

 यह भी पढ़ें: Bihar News: प्रधानाध्यापक ही छात्राओं के साथ करता था छेड़छाड़, ग्रमीणों ने जमकर किया हंगामा 

इस तरीके से काम करता है कमांड सेंटर

आपको बता दें कि मुख्यालय के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत सभी 38 जिलों के लिए एक-एक कॉल सेंटर काम कर रहा है. राज्य के किसी भी स्थान से कोई भी शिक्षक, अभिभावक और छात्र कॉल सेंटर के फोन पर अपनी समस्या या शिकायत दर्ज करा सकते हैं. वहीं, कॉल सेंटर में बैठा ऑपरेटर उनकी समस्या या शिकायत टाइप कर कंप्यूटर साइट पर अपलोड कर मुख्यालय के संबंधित अधिकारी को ऑनलाइन ट्रांसफर कर देता है. फिर वह अधिकारी शिकायत को देखता है और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को उस पर एक नोट बनाता है, जिसमें उप विकास आयुक्त, प्रमंडलीय आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी को भेज देता है. उक्त मामले को उतने दिनों के अंदर निष्पादित कर उसी स्थल पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया है. यदि मामले का निष्पादन नहीं हुआ है तो उसका कारण बताएं.

इसे हटाने की प्रक्रिया में एक शर्त यह भी है कि तय समय सीमा के अंदर मामले का निष्पादन किया जाये और कमांड सेंटर को सूचित किया जाये. इसकी निगरानी भी की जा रही है. इस सख्ती का फायदा यह हुआ कि दो माह के भीतर शिक्षा विभाग के पास इस प्रक्रिया के तहत 7263 मामले आये, जिन पर त्वरित कार्रवाई की गयी. हालांकि, प्रखंड व जिला स्तर पर 2168 मामले लंबित हैं, जिन्हें शीघ्र निष्पादित करने का आदेश दिया गया है.

ये हैं शिकायतें

''शिक्षकों के वेतन, पेंशन, विद्यालयों में पठन-पाठन, मध्याह्न भोजन, पेयजल एवं शौचालय की कुव्यवस्था और आधारभूत संरचना में गड़बड़ी से जुड़े मिल रहे हैं. वहीं कमांड सेंटर में एकबार में 34 शिकायतें सुनने की व्यवस्था है.''