CM नीतीश कुमार की आखिरी परीक्षा बाकी, बिहार विधानसभा में 10 फरवरी को होगा फ्लोर टेस्ट
नीतीश कुमार ने आठ मंत्रियों के संग सीएम पद की 28 जनवरी की शाम पांच बजे शपथ ली थी, जनता दल यूनाइटेड के एनडीए गठबंधन में शामिल होने से सत्ता पक्ष के पास अब तक 128 विधायक हैं.
नई दिल्ली:
बिहार के नौवें सीएम के रूप में नीतीश कुमार शपथ ले चुके हैं. उन्होंने 28 जनवरी को भाजपा-HAM के संग मिलकर नई कैबिनेट तैयार की है. अब सीएम को अपना बहुमत साबित करना होगा. इसे लेकर 10 फरवरी की तारीख को तय की गई है. सीएम नीतीश कुमार को विधासभा में साबित करना होगा कि उनकी नई सरकार बहुमत में है. उन्होंने भाजपा की अगुवाई में एनडीए गठबंधन में नई कैबिनेट तैयार की है. इसे आने वाले समय में विस्तार भी दिया जाएगा. नीतीश कुमार ने आठ मंत्रियों के संग सीएम पद की 28 जनवरी की शाम पांच बजे शपथ ली थी.
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इस सरकार में विजय सिन्हा (डिप्टी सीएम), सम्राट चौधरी (डिप्टी सीएम), विजय कुमार चौधरी, डॉ.प्रेम कुमार, ब्रिजेंद्र प्रसाद यादव, सुमित कुमार सिंह, संतोष कुमार, श्रवण कुमार नीतीश को नई कैबिनेट में जगह दी गई है. दोनों डिप्टी सीएम को नीतीश कुमार का कट्टर विरोधी माना जाता है. विधानसभा के नए स्पीकर का भी चुनाव होना बाकी है. ये 12 फरवरी को किया जाएगा.
बिहार विधानसभा में जानें सीटों का गणित
बिहार विधानसभा में जनता दल यूनाइटेड के एनडीए गठबंधन में शामिल होने से सत्ता पक्ष के पास अब तक 128 विधायक हैं. 2022 में एनडीए से दूरी बनाने के बाद नीतीश कुमार ने राजद से मिलकर सरकार बनाई. 78 विधायकों के साथ विधानसभा में भाजपा का दूसरा स्थान था. जदयू के पास अभी 45 विधायक हैं. वहीं जीतनराम मांझी की पार्टी HAM के पास चार विधायक हैं.
243 सीटों वाले विधानसभा में राजद के पास 79 विधायक हैं. वहीं विधानसभा में ये सबसे बड़ी पार्टी है. इसी तरह कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एम-एल)+सीपीआई+सीपीआई (एम) के पास 16 विधायक मौजूद हैं. वहीं विपक्ष के पास कुल संख्या बल 114 विधायकों का है. एक विधायक एआईएमआईएम के पास है.
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