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पप्पू यादव ने फिर दिया चौंकाने वाला बयान, RJD को भी लिया आड़े हाथ

लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव के बागी तेवरों के कारण पूर्णिया संसदीय क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है.

Updated on: 09 Apr 2024, 01:05 PM

highlights

  • पूर्णिया में NDA को कौन कर रहा मजबूत? 
  • पप्पू यादव का चौंकाने वाला जवाब
  • 2 सीटों पर RJD ने नहीं खोले पत्ते

Patna:

Bihar Political News: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव के बागी तेवरों के कारण पूर्णिया संसदीय क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है. बता दें कि पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह माना जा रहा था कि वह पूर्णिया से इंदी गठबंधन के उम्मीदवार होंगे. इसी बीच ऐन वक्त पर गठबंधन में इस सीट पर राजद ने अपना दावा ठोक दिया और सीट उनके खाते में चली गई, जिसके बाद पप्पू यादव का गुस्सा सातवें आसमान पर था. वहीं, बता दें कि चुनाव आयोग ने पप्पू यादव को सिंबल आवंटित कर दिया है. पप्पू यादव को 'कैंची' चुनाव चिन्ह मिला है. उन्होंने सोमवार को 'एक्स' पर यह जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि, ''कैंची से नफरत कटेगी, प्यार जीतेगा.'

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पप्पू यादव क्षेत्र में महीनों से बहा रहे पसीना 

वहीं, आपको बता दें कि महीनों तक मैदान में पसीना बहाने वाले पप्पू यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया और नामांकन के आखिरी दिन नामांकन पत्र दाखिल किया. वहीं अब वह प्रचार-प्रसार में व्यस्त हैं. इसी बीच पप्पू यादव ने मीडिया से बात की.

'वे एनडीए को मजबूत करना चाहते हैं' - पप्पू यादव

आपको बता दें कि पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, ''निर्दलीय प्रत्याशी जनता के प्रत्याशी होते हैं और उन्होंने लोगों के दिल में जगह बनाई है.'' इसके बाद पप्पू ने परोक्ष रूप से महागठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि, ''आजकल दलों में जो अहंकार है, इसके जरिए वे एनडीए को मजबूत करना चाहते हैं.'' 

इसके अलावा आगे उन्होंने कहा कि, ''पूरे कांग्रेस के कार्यकर्ता यह चाहते थे कि पप्पू यादव पूर्णिया सीट से लड़ें और इसके साथ ही पूर्णिया के सभी लोगों की भी यही इच्छा थी. मधेपुरा और सुपौल में अब तक कैंडिडेट की घोषणा नहीं हुई है, अब तक पप्पू का इंतजार किया जा रहा है.''