महिला हॉकी टीम की वंदना कटारिया से देश को बड़ी उम्मीदेंः साईं एकेडमी के कोच
भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में शानदार प्रदर्शन किया है. साई एकेडमी के कोच वाईएस चौहान ने न्यूज नेशन से बातचीत करते हुए कहा कि मौजूदा महिला हॉकी टीम बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है.
नई दिल्ली :
भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में शानदार प्रदर्शन किया है. साई एकेडमी के कोच वाईएस चौहान (SAI Academy Coach YS Chauhan) ने न्यूज नेशन से बातचीत करते हुए कहा कि मौजूदा महिला हॉकी टीम बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने भारतीय टीम की वंदना कटारिया के खेल की प्रशंसा की है. कोच ने बताया कि देश को भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी वंदना कटारिया के बेहतरीन प्रदर्शन से देश को बहुत सी उम्मीदें हैं. उन्होंने बताया कि वंदना बहुत ही अच्छा डिफेंड करती है उसका खेल भी बहुत ही फास्ट है.
साई के कोच ने वंदना की प्रशंसा जारी रखते हुए आगे बताया कि, वंदना एक स्ट्रेटजी के तहत अपना गेम खेलती है. ग्राउंड में वंदना का रिकॉर्ड बहुत ही बेहतरीन है वो कोई भी उसके खेल का और उसके खेल की नीति का मुरीद बन सकता है. उन्होंने बताया कि वंदना ने साल 2011 के सीनियर नेशनल गेम्स रांची और वूमेन नेशनल भोपाल में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था. जो कि काफी बेहतरीन रहा. उन्होंने बताया कि साल 2004 से वो टीम इंडिया की इन खिलाड़ियों को देख रहे हैं.
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इसके पहले भारत की महिला हॉकी टीम ने सोमवार को इतिहास रचते हुए अपने से कहीं अधिक मजबूत तीन बार की ओलंपिक चैम्पियन आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है. यहां सबसे खास बात यह है कि महिला टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है. सोमवार को ओई हॉकी स्टेडियम नॉर्थ पिच -2 पर खेले गए इस ऐतिहासिक मैच में हाकेरूज नाम से मशहूर आस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मैच का एकमात्र गोल 22वें मिनट में गुरजीत कौर ने किया था. यह गोल पेनाल्टी कार्नर पर हुआ. दुनिया की नौवें नम्बर की भारतीय टीम ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नम्बर-2 आस्ट्रेलिया को हराया और पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची.
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भारत अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहा है. मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था. मास्को ओलंपिक में महिला हॉकी टूर्नामेंट 25 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चला था. इसमें सिर्फ छह टीमों ने हिस्सा लिया था. जिम्बाब्वे ने पूल चरण के समापन पर पूल के शीर्ष पर स्वर्ण पदक जीता. चेकोस्लोवाकिया और सोवियत संघ ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता. भारत ने पूल में पांच मैचों में दो जीत हासिल की थी. उसका एक मैच ड्रॉ रहा था जबकि उसे दो मैचों में हार मिली थी. पांच अंकों के साथ भारत अंतिम रूप से चौथे स्थान पर रहा था. इसके बाद भारत ने 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया लेकिन वह 12 टीमों के टूर्नमेंट में अंतिम स्थान पर रही थी. भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था.
HIGHLIGHTS
- महिला हॉकी टीम से देश को काफी उम्मीदें
- साई स्पोर्ट्स एकेडमी के कोच ने की तारीफ
- वंदना कटारिया के खेल पर देश को भरोसा
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