IPL 2022: ऋषभ पंत पर सख्ती लेकिन महेंद्र सिंह धोनी पर नरमी क्यों ?
इस मैच में आखिरी ओवर में नो बॉल को लेकर विवाद हो गया था. राजस्थान के गेंदबाज ओबेड मैकॉय अंत के ओवर में तीसरी गेंद फुलटॉस फेंकी, जिसे दिल्ली की टीम के बल्लेबाज रोवमैन पॉवेल ने बॉउंड्री के लिए भेज दिया था. ये गेंद कमर के पास थी. इसलिए दिल्ली का खेमा इस
NEW DELHI:
भारत का त्यौहार आईपीएल 2022 का आगाज 26 मार्च से जारी है और शुक्रवार रात को बड़ा रोमाचंक मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच देखने को मिला, जहां एक तरफ इस मैच में रोमांच भरपूर देखने को मिला लेकिन साथ ही नो बॉल का विवाद भी बढ़ता हुआ नजर आया. जिसके कारण राजस्थान के गेंदबाज सुर्खियों में है. इस मैच में आखिरी ओवर में नो बॉल को लेकर विवाद हो गया था. राजस्थान के गेंदबाज ओबेड मैकॉय अंत के ओवर में तीसरी गेंद फुलटॉस फेंकी, जिसे दिल्ली की टीम के बल्लेबाज रोवमैन पॉवेल ने बॉउंड्री के लिए भेज दिया था. ये गेंद कमर के पास थी. इसलिए दिल्ली का खेमा इस गेंद को नो बॉल देने की अंपायर से मांग करने लगा और साथ ही मैदानी अंपायर से तीसरे अंपायर की सलाह लेने की मांग करने लगे. इस बीच दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत ( Rishabh Pant ) नाराज दिखें. इसके साथ ही पंत ने क्रीज पर मौजूद बल्लेबाज पॉवेल और कुलदीप से को इशारा करते हुए बाहर आने को कहा. इस दौरान सहायक कोच शेन वॉटसन कप्तान पंत को समझाते दिखे. जिसके बाद पंत रुक गए हालांकि इसका खामियाजा पंत को भुगतना पड़ा है. क्योंकि अब कप्तान पंत पर मैच की 100 फीसदी फीस का जुर्माना लगा है
इससे पहले 2019 में राजस्थान के खिलाफ मैदान पर कूद पड़े थे धोनी
हालांकि शुक्रवार रात के मुकाबले में पंत ने जो किया उससे ज्यादा 2019 में महेंद्र सिंह धोनी ( MS Dhoni ) करते हुए दिखाई दिए थे. 2019 में सीएसके (CSK) और राजस्थान के बीच मुकाबला खेला गया और कुछ ऐसी स्थिति उस मैच में भी देखने को मिली थी. मैच के अंत के ओवर में नो बॉल को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. गेंदबाज बेन स्टोक्स ने गेंद फेंकी जो कि फुल टॉस थी. जिसके बाद अंपायर ने नो बॉल होने से मना कर दिया . इस मुकाबले में मैदान पर रवींद्र जड़ेजा और मिचेल सेंटनर सीएसके की टीम से मौजूद थे. और दोनों ने ही इस पर आपत्ति जताई जिसके बाद डगआउट में बैठे महेंद्र सिंह धोनी मैदान में आए और अंपायर से बहस करने लगे थे.
धोनी को पंत के मुकाबले मिली आधी सज़ा
हालांकि धोनी को ऐसा करने की सज़ा मिली लेकिन दिल्ली के कप्तान पंत से आधी . जबकि धोनी ने जो काम किया वो पंत से ज्यादा था. पंत मैदान के अंदर नहीं आए लेकिन दोनी मैदान के अंदर आए और अंपायर से बहस करने लगे थे. बावजूद इसके धोनी पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगा था. वहीं पंत पर 100 फीसदी का जुर्माना लगाया गया. वहीं तेज गेंजबाद शार्दुल ठाकुर पर 50 फीसदी का जुर्माना लगाया है. और इसके साथ ही सहायक कोच प्रवीण आमरे पर भी 100 फीसदी जुर्माने के साथ एक मैच के लिए बैन भी किया गया है.
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