Flashback 2019 Mission Shakti: भारत की 'मिशन शक्ति' देख दंग रह गई दुनिया
एक तरफ तो भारत ने अपना सबसे बड़ा मिशन चंद्रयान 2 शुरू किया वहीं भारत की 'मिशन शक्ति' ('Mission Shakti') की ताकत देखकर दुनिया दंग रह गई.
नई दिल्ली:
Flashback 2019 Mission Shakti: भारत के लिए 2019 का साल दुनिया में अपनी टेक्नॉलजी और अंतरिक्ष में अपना दबदबा दिखाने का साल रहा. एक तरफ तो भारत ने अपना सबसे बड़ा मिशन चंद्रयान 2 शुरू किया वहीं भारत की 'मिशन शक्ति' ('Mission Shakti') की ताकत देखकर दुनिया दंग रह गई. 2019 में भारत अपने मिशन शक्ति अभियान के बाद एक ऐसी ताकत बन गया जिसके पास उपग्रह रोधी मिसाइल की ताकत थी. इसका मतलब हुआ कि अब भारत अंतरिक्ष में ही किसी भी उपग्रह को मार गिराने में सक्षम हो गया.
27 मार्च को भारत ने अंतरिक्ष के ऑर्बिट में एक लाइव सैटेलाइट को मारकर दुनिया पर धौंस जमा ली. भारत ने महज तीन मिनट के अंदर एक लाइव लिओ सैटेलाइट (Leo Satellite) को मार गिराया इसके बाद पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि ये देश के लिए बड़ी उपलब्धि है. भारत ऐसा करने में सक्षम चौथा देश बन गया. इसके पहले केवल अमेरिका, रूस, और चीन के पास ही ऐसी टेक्नॉलजी थी.
#WATCH PM Modi says, "India has entered its name as an elite space power. An anti-satellite weapon A-SAT, successfully targeted a live satellite on a low earth orbit." pic.twitter.com/zEnlyjyBcA
— ANI (@ANI) March 27, 2019
क्या होता है ASAT
ASAT यानी कि Anti Satellite Weapon, इस हथियार से किसी सैन्य मकसद से अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट को तबाह करने में इस्तेमाल किया जाता है. इसी तकनीक को ASAT सिस्टम भी कहा जाता है.
पेंटागन ने भी किया समर्थन
भारत के एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण पर पेंटागन ने एक बार फिर भारत का समर्थन किया. पेंटागन के मुताबिक भारत ने यह टेस्ट अंतरिक्ष में सुरक्षा को लेकर किया था. यूएस स्ट्रैटेजिक कमांड के कमांडर जनरल जॉन ई हाइटेन ने सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के सामने कहा, 'सबसे पहला सवाल यह है कि भारत ने ऐसा क्यों किया, जिसका उत्तर है कि वह अंतरिक्ष में अपने देश की सुरक्षा चाहता था. इसीलिए भारत को लगा कि उसके पास अंतरिक्ष में सुरक्षा की क्षमता होनी चाहिए.'
आपको बता दें कि इसके पहले भी पेंटागन ने भारत द्वारा एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण का समर्थन करते हुए कहा था कि भारत के इस परीक्षण के चलते अंतरिक्ष में फैले मलबे से किसी को भी किसी तरह का नुकसान नहीं होगा. साथ ही पेंटागन ने ये भी कहा था कि परीक्षण के कारण वातावरण में जो मलबा फैला है वह कुछ समय बाद में जलकर खत्म (अपघटित) हो जाएगा.
नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने कहा था कि भारत द्वारा किए गए परीक्षण से फैला मलबा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से टकरा सकता है और यह बहुत ही घातक स्थिति होगी. आपको बता दें कि पेंटागन ने यह बात ब्राइडेंस्टाइन के बयान के बाद आई है. इस परीक्षण के बाद भारत एंटी-सैटेलाइट मिसाइल क्षमता वाला दुनिया का चौथा देश हो गया है. भारत के अलावा ये क्षमता अमेरिका, रूस और चीन के पास है.
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