सवाल- रिश्तेदार घर में आग लगाते हैं? पढ़िए लोटपोट करने वाले जवाब...
क्या वाकई में रिश्तेदार जानबूझकर परेशान करते हैं. आपके कई सारे जवाबों के बिल्कुल सटीक और बेहद ही मजेदार जवाब नीचे दिए गए हैं. पढ़िए...
नई दिल्ली:
बेटा क्या रहा इसबार का रिजल्ट? ये एक ऐसा डॉयलोग है, जो दुनियाभर के रिश्तेदारों के मुंह पर रटा हुआ है. परिक्षा का परिणाम आए-न-आए, मगर इनका फोन जरूर आ जाता है. चाहे शादी में फूफा के नखरे हो, या फिर शादी के बाद साले साहब की चोंचले, हर एक रिश्तेदार अपने इस हुनर में माहिर है. जबतक ये अपनी इन्हीं हरकतों से दूसरों के घरों में क्लेश न कर दें, इन्हें चैन नहीं पड़ता. ऐसे में सवाल है कि क्या वाकई में रिश्तेदारों को घर में आग लगाने में मजा आता है?
यही सवाल जब हमने लोगों से पूछा, तो बड़े ही दिलचस्प और मजेदार जवाब सामने आए. किसी ने रिश्तेदारों को मतलबी बताया तो, किसी ने मजाकिया अंदाज में उनकी तारीफे भी की. वहीं किसी ने तो बड़े ही सटीक ढंग से समाज में रिश्तेदारों की भूमिका पर तंज भी किए. चलिए ऐसे ही कुछ मनोरंजक जवाबों को पढ़ें...
पहला जवाब था, वी.एस शर्मा जी का, जिन्होंने बड़े ही रोचक ढंग से रिश्तेदारों की खूबियां गिनाई है. उनके मुताबिक हमारे समाज में तीन तरह के लोग होते हैं- पहले प्रोफेशनल, दूसरे समाजसेवी और तीसरे रिश्तेदार. प्रोफेशनल लोग कुछ शुल्क के बदले आपकी निजी समस्याओं और जरूरतों को पूरा करते हैं. जैसे वकील, मास्टर, सब्जी-सामान विक्रेता. इन्हें आपकी निजी जिंदगी से कोई लेना-देना नहीं होता. ये बस अपने काम से काम रखते हैं.
दूसरे होते हैं समाजसेवी, इन्हें भी आपके निजी जीवन से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है, मगर ये आपकी मदद जरूर करते हैं. अच्छी बात ये है कि ये बदले में कोई फीस नहीं लेते. वहीं तीसरे आते हैं हमारे रिश्तेदार, इन्हें आपकी पर्सनल लाइफ में क्या चल रहा है, क्यों चल रहा है, कब से चल रहा है सबकुछ जानना होता है. ये आपकी समस्याओं का समाधान नहीं करते, बल्कि उल्टा उसमें अपनी राय-मशवरा जोड़ कर परेशानियों में इजाफा करते हैं. रिश्तेदार इसके लिए किसी तरह की फीस तो चार्ज नहीं करते, मगर भोजन-पानी इत्यादी सेवाओं से अपना मन तृप्त जरूर कर लेते हैं.
वहीं रिश्तेदारों को सलाह देते हुए संकेत लिखते हैं; उनके हिसाब से रिश्तेदारों को थोड़ी दूरी रखनी चाहिए. इससे परिवार के बीच में प्यार और सम्मान बना रहता है. आज के प्रबल दूरसंचार के दौर में आप किसी से भी एक ऑडियो और वीडियो कॉल लगाकर बात कर सकते हैं, ऐसे में दोनों परिवारों के बीच परस्पर प्रेम बना रहता है. इसलिए रिश्तेदारों के घर दूर भले!
हालांकि कई लोंगों का ये भी कहना है कि, भले ही रिश्तेदार कैसे भी हो, मगर जब काम पड़ता है तो कई बार वे ही काम आते हैं. ऐसे में हर संभव प्रयास ये रहे कि रिश्तेदारी समझदारी के साथ निभाई जाए, ताकि रिश्ता जन्मो-जन्म का रहे...
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