पुलवामा जैसी आतंकी घटना बिना सुरक्षा चूक के नहीं हो सकती है : पूर्व रॉ प्रमुख
पूर्व रॉ प्रमुख विक्रम सूद ने कहा कि मुझे नहीं पता कि असल में गलती कहां हुई, लेकिन इस तरह की घटना बिना सुरक्षा चूक के हो ही नहीं सकती है.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पूर्व रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) प्रमुख विक्रम सूद ने रविवार को कहा इस तरह के आतंकी के हमले बिना सुरक्षा चूक के हो ही नहीं सकते हैं. हैदराबाद में एक कार्यक्रम के बाद सूद ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि असल में क्या हुआ या गलती कहां हुई. लेकिन यह स्पष्ट है कि इसमें एक से अधिक लोग शामिल थे. कोई होगा जो विस्फोटकों को लाया होगा, किसी ने इसे एकसाथ रखा होगा, किसी ने कार लाया होगा. उन्हें सीआरपीएफ के काफिले के गतिविधियों के बारे में जानकारी होगी.' बता दें कि आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने भी कहा था कि यह हमला खुफिया विफलता का नतीजा था.
विक्रम सूद ने कहा, 'उन्हें (आतंकियों) जगह के बारे में जानकारी होगी कि वे (सुरक्षाबल) कहां जा रहे हैं. इस घटना को अंजाम देने वालों का अवश्य एक ग्रुप होगा. और जिस व्यक्ति ने बम से खुद को उड़ाया, उसे चुना गया था और यह करने के लिए प्रेरित किया गया था. यह बताना बहुत जल्दी होगा कि यह गलत हुआ या वह गलत हुआ.'
आगे की संभावित कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा, 'यह बॉक्सिंग मैच नहीं है. आप प्रधानमंत्री की तरह प्रतिक्रिया देखें जैसा उन्होंने कहा कि आप (सुरक्षाबल) अपनी सुविधा के हिसाब से, अपने समय और स्थान को चुनकर कार्रवाई करें. यह आज और कल में नहीं होता है.'
कश्मीर मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा, 'सबसे पहले, हम जो भी करते हैं उस पर हमें एकरूप होना होगा. दूसरा, यह एक भारतीय दृष्टिकोण होना चाहिए न कि किसी पार्टी का.'
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने कहा था कि सुरक्षा बल विस्फोटकों से भरी गाड़ी की पहचान और उसकी गतिविधियों का पता लगाने में विफल रहे. उन्होंने कहा था कि हमें यह बात स्वीकार करनी होगी कि हमसे भी गलती हुई है.
पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 फरवरी को 2,500 सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर यह हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
राजनाथ सिंह ने की रॉ प्रमुख के साथ बैठक
शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले को लेकर रॉ प्रमुख ए के धस्माना, आईबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) के अतिरिक्त निदेशक अरविंद कुमार, गृह सचिव राजीव गौबा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के साथ बैठक की थी.
और पढ़ें : ईरान के बाद अफगानिस्तान ने पाक के खिलाफ खोला मोर्चा, तालिबान के साथ बातचीत पर UN में की शिकायत
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) द्वारा कश्मीर में किए गए हमले के बाद की सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया. यह बैठक इसलिए भी हुई क्योंकि हमले के बाद लोगों में गुस्सा है और देश सरकार से बदले की कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है.
पाकिस्तान पर 200 फीसदी आयात शुल्क
वहीं सर्वाधिक तरजीही देश (MFN) का दर्जा वापस लेने के बाद भारत ने पाकिस्तान से आनेवाले और पाकिस्तान में बने सभी सामानों पर 200 फीसदी का आयात शुल्क लगा दिया है. इसके लिए, एक आधिकारिक अधिसूचना में सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम की पहली अनुसूची में बदलाव किया गया, जिसमें 'इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान में बने या वहां से निर्यात किए गए सभी सामानों पर' 200 फीसदी शुल्क लगाया जाएगा.
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