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पीएम मोदी बोले- गोरक्षा पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, रिपोर्ट का दावा 2010-17 के बीच 97% बढ़े गोहिंसा के मामले

2010 के बाद से गौहत्या के मामलों में मुस्लिमों पर हिंसा के मामले 86 फीसदी दर्ज किए गए है। जबकि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक मुस्लिमों पर हुए हिंसा के मामलों में 52 फीसदी मामले तो सिर्फ अफवाहों पर ही आधारित थे।

Updated on: 01 Jul 2017, 10:44 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरमती आश्रम की 100वीं सालगिरह के मौके पर भाषण में गोहत्या पर चिंता जताई है और साफ कहा है कि किसी की हत्या करना गोरक्षा नहीं। 

ध्यान देने वाली बात यह है कि पीएम मोदी का यह बयान हाल के दिनों में गोरक्षा के नाम पर हत्या के बढ़े मामले, बीफ पर मचे बवाल और बूचड़खानों को बंद करने जैसे विवादों के बाद अब जाकर आया है।

इस बीच बता दें कि इंडिया स्पेंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2010 के बाद से गौहत्या के मामलों में मुस्लिमों पर हिंसा के मामले 86 फीसदी दर्ज किए गए है। जबकि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक मुस्लिमों पर हुए हिंसा के मामलों में 52 फीसदी मामले तो सिर्फ अफवाहों पर ही आधारित थे।

Video: पीएम नरेंद्र मोदी की सख्त चेतावनी, कहा- गोभक्ति के नाम पर लोगों हत्या स्वीकार नहीं

यह रिपोर्ट, 25 जून 2017 तक दर्ज हिंसा के मामलों पर किया है। गौरतलब है कि ऐसे करीब 63 मामलों में 32 मामले बीजेपी शासित राज्य से ही सामने आए है। गोहत्या के मामलों में सबसे ज़्यादा केस यूपी में (10), हरियाणा में (9), गुजरात में (6), जबकि कर्नाटक, मध्य प्रदेश और दिल्ली में (4) मामले दर्ज हुए है।

अखलाक हत्याकांड: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) स्थित दादरी गांव में गोमांस खाने की अफवाह के चलते अखलाक की हत्या गांव वालों ने पीट-पीटकर कर दी थी।

राजस्थान गो-हिंसा: अप्रैल 2017 में राजस्‍थान में गौ तस्करी के आरोप में कुछ गोरक्षकों ने लोगों को जमकर पीटा था इस मामले में एक की मौत हो गई थी।

असम गो-हिंसा: असम में भी गाय चोरी के आरोप में दो लोगों को जमकर पीटा गया। इस मामले में दोनों की मौत हो गई थी।

झारखंड गो-हिंसा: इसके अलावा बुधवार को झारखंड में एक घर के सामने मवेशी का शव पड़े होने के बाद उग्र भीड़ ने उस घर को ही आग लगा दी थी जबकि घर के मालिक को पीट-पीट कर बदहाल कर दिया था।

हालांकि सरकार ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए ‘पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017’ कानून पारित किया है। इस कानून में पशुओं के बिक्री करने के नियमों में कड़ाई की गई है। नए नियमों के तह्त खरीददार और विक्रेता को यह हलफनामा देना होगा कि मवेशियों की ख़रीद-फरोख़्त तस्करी के लिए नहीं की जा रही है और सिर्फ पालन के लिए ही की जा रही है।

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