जिशा रेप-मर्डर केस: अमीरुल इस्लाम को फांसी की सजा
27 वर्षीय कानून की छात्रा जिशा 28 अप्रैल 2016 को अपने आवास के समीप मृत पाई गई थी। उसकी मां राजेश्वरी ने उसके शव को पाया था। राजेश्वरी अस्थायी श्रमिक के रूप में काम करतीं हैं।
नई दिल्ली:
केरल की एक जिला अदालत ने गुरुवार को जिशा रेप-मर्डर केस में अमीरुल इस्लाम को फांसी की सजा सुनाई है। इससे पहले एर्नाकुलम की अदालत ने 12 दिसंबर को असम के आव्रजक श्रमिक अमीरुल इस्लाम को दोषी करार दिया था।
27 वर्षीय कानून की छात्रा जिशा 28 अप्रैल 2016 को अपने आवास के समीप मृत पाई गई थी। उसकी मां राजेश्वरी ने उसके शव को पाया था। राजेश्वरी अस्थायी श्रमिक के रूप में काम करतीं हैं। हत्या विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले हुई थी, जिसके बाद विपक्ष ने केरल में महिला सुरक्षा को लेकर राज्य की ओमान चांडी सरकार पर निशाना साधा था।
#UPDATE: Ernakulam chief judicial magistrate court pronounces death sentence for convict Ameerul Islam in Jisha rape and murder case.
— ANI (@ANI) December 14, 2017
मामले की सुनवाई करीब 80 दिनों तक चली और आरोपी के खिलाफ 1500 पन्नों से अधिक का आरोपपत्र दायर किया गया। पुलिस ने मामले का खुलासा डीएनए परीक्षण के बाद किया। मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई।
मई 2016 में मुख्यमंत्री का पद संभालते ही पिनाराई विजयन ने अपने पहले ही दिन राज्य के पुलिस प्रमुख को हटा दिया था। विजयन ने नए पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा को मामले की जांच में तेजी लाने का आदेश दिया था।
जांच के अंत में यह पाया गया कि चांडी के नेतृत्व में पिछली सरकार द्वारा नियुक्त पहली जांच टीम ने अच्छा काम किया था और उसके काम से बाद वाली जांच टीम को मदद मिली थी।
और पढ़ें: INS कलवरी राष्ट्र को समर्पित, PM ने बताया 'मेक इन इंडिया' का उदाहरण
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