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International Women Day 2023 : हाथों में बंदूक... कंधों पर गोला-बारूद... देशभक्ति का जज्बा रखने वाली ये हैं 100 धाकड़ लड़कियां

International Women's Day 2023 : पूरी दुनिया में 8 मार्च यानी बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना जा रहा है. यह दिवस पूरी तरह से महिलाओं के लिए ही समर्पित है. परिवार, समाज और राष्ट्र के के निर्माण और विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है.

Updated on: 07 Mar 2023, 10:05 PM

नई दिल्ली:

International Women's Day 2023 : पूरी दुनिया में 8 मार्च यानी बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना जा रहा है. यह दिवस पूरी तरह से महिलाओं के लिए ही समर्पित है. परिवार, समाज और राष्ट्र के के निर्माण और विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है. आज के वक्त महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज हम उन धाकड़ लड़कियों की बात करेंगे, जो भारतीय सेना में महिला अग्निवीर के पहले बैच में भर्ती हुई हैं. 
 
हाथों में बंदूक, कंधों पर गोला-बारूद, कभी बाधाओं को पार करना तो कभी देशगीत गाना, यह है देश की धाकड़ लड़कियां, जिन्होंने अपने आप में इतिहास रचा है. यह भारतीय सेना की पहली 100 लड़कियां हैं, जिन्हें भारत सरकार की अग्निवीर योजना के तहत मिलिट्री पुलिस में तैनात किया गया है. एक मार्च को इनकी ट्रेनिंग बेंगलुरु के कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस में शुरू हो चुकी है. इन महिला अग्निवीरों को 31 हफ्तों तक यहां ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके बाद यह साढ़े तीन साल तक मिलिट्री पुलिस में काम करेंगी और इसके बाद इनमें से सबसे बेहतरीन 25% अग्निवीर को आगे भी सेना में काम करने का मौका मिलेगा. 

सैनिक बनाना आसान नहीं होता है, इसके लिए काफी हिम्मत और जोश की जरूरत है, क्योंकि जिस तरह से इन्हें ट्रेनिंग दी जाती वो कोई आसान काम नहीं होता है. इन महिला अग्निवीर को 31 हफ्तों तक यहां ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग की शुरुआत सूर्य की किरणों के साथ ही होती. सबसे पहले ड्रिल फिर इन महिलाओं अग्निवीर को फिजिकल फिटनेस के लिए ट्रेन किया जाता है. इसके लिए रोप क्लाइंबिंग, क्राउलिंग, बाधाओं को पार करना, ताकि यह महिला अग्निवीर शारीरिक और मानसिक रूप से सख्त बने. 

जंग है या अमन... इन महिला अग्निवीरों को किसी भी जगह पर तैनात किया जा सकता है. लिहाजा इनकी ट्रेनिंग का सबसे जरूरी हिस्सा है वेपन ट्रेनिंग. 31 हफ्तों की इस ट्रेनिंग में इन महिला अग्निवीरों को वेपन चलाना भी सिखाया जाएगा, ताकि अगर कभी जरूरत पड़े तो यह धाकड़ लड़कियां अपने दुश्मन की छाती को गलियों से छल्ली कर सकती हैं. इन्हें यहां पर राइफल से लेकर एलएमजी तक चलाना सिखाया जाएगा. 

कमांडेंट सीएमपी ब्रिगेडियर जोस अब्राहम का कहना है कि कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस में चल रही इन महिला अग्निवीरों की ट्रेनिंग पुरुष जवानों से कम नहीं है, लेकिन यह महिलाएं उन्हें बराबर टक्कर दे रही हैं और दर्शाती हैं कि महिलाएं किसी से कम नहीं है, कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. अग्निवीर योजना कई मामलों को लेकर चर्चा में रही है, लेकिन यहां पर मौजूद महिलाएं अग्निवीर उन सभी सवालों का जवाब अपनी हिम्मत और जोश के साथ दे रही हैं.