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भारत-चीन कमांडर कांफ्रेंस में क्या हुआ? पढ़ें पूरी खबर

भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की मैराथन बैठक इंडियन साइड में चुसूल मोल्डो बॉर्डर पर रविवार सुबह साढ़े 9 बजे से रात 10 बजे तक चली.

Updated on: 18 Jul 2022, 08:39 AM

highlights

  • इंडियन साइड में चुसूल मोल्डो बॉर्डर पर भारत-चीन के बीच हुई बैठक
  • भारत ने चीन से कहा कि LAC से सेना को वापस कर पूर्ववर्ती स्थिति बहाल करे
  • India ने China चीन से कहा कि कब भारतीय सेना पीछे हटेगी?

नई दिल्ली:

भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की मैराथन बैठक इंडियन साइड में चुसूल मोल्डो बॉर्डर पर रविवार सुबह साढ़े 9 बजे से रात 10 बजे तक चली. 16वें दौर की इस बैठक को 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आनिंदय सेन गुप्ता और साउथ जिनजियांग मिलिट्री चीफ मेजर जनरल यांग लीन ने लीड किया. साथ में विदेश मंत्रालय के अधिकारी और ट्रांसलेटर भी मौजूद थे. इस बैठक का अंतिम परिणाम क्या निकला? इस बारे में दोनों देशों की तरफ कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है.

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भारत का चीन से साफ कहना है कि अप्रैल 2020 में जिस तरह की सैन्य स्थिति और परिस्थिति एलएसी पर थी वैसा ही फिर से हो तभी भारतीय सेना पीछे हटेगी. ऐसा करने के लिए चीन को इन इलाकों में बने अपने टेंट उखाड़ने होंगे, पक्के बंकर गिराने होंगे और नव निर्मित सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को तबाह करना होगा. इसमें सबसे महत्वपूर्ण देपसांग प्लेन है, जहां चीनी सेना ने भारतीय सेना के पेट्रोलिंग को लगभग 18 किमी के इलाके में ब्लॉक कर रखा है. देपसांग में पीपी 10, 11,12,12A और 13 भारतीय सेना के पारंपरिक पेट्रोलिंग एरिया रहे हैं. 

सामरिक रूप से ये इलाका कितना महत्पूर्ण है उसे इस बात से समझा जा सकता है कि 16 हजार फीट ऊंचा यह इलाका भारत को दौलत बेग ओल्डी जैसे महत्वपूर्ण सामरिक सड़क से कनेक्ट करती है और यहीं से नॉर्थ में काराकोरम पास भी जुड़ता है. इस इलाके में तनाव की स्थिति इतनी चरम पर है कि दोनों देशों से अतिरिक्त इन्फेंट्री ब्रिगेड और टैंक रेजिमेंट भी तैनात कर रखा है.

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पिछले दो वर्षों से चीन की दिलचस्पी सेना को पीछे हटाने, सैन्य जमावड़े को कम करने और बैरक में वापस भेजने की नहीं रही है. इसके ठीक उलट चीन अपने सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रहा है, जमीन से लेकर आसमान तक सैन्य ड्रील कर रहा है और एक के बाद एक बातचीत के नतीजे सिफर रहे हैं. भारत ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मिरर डिप्लॉयमेंट के जरिए 50 हजार से ज्यादा की सेना यहां पर खड़ी की है.

T 90 जैसे अत्याधुनिक टैंक से लेकर होवित्जर, मिसाइल सिस्टम और राफेल से लेकर K 9 वज्र तैनात कर रखा है, ताकि ड्रैगन से किसी भी तरह का चैलेंज सामने आता है तो उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जा सके. 

1. भारत ने चीन से कहा कि एलएसी से अपनी सेना को वापस कर पूर्ववर्ती स्थिति बहाल करे.
2. सामरिक रूप से महत्वपूर्ण देपसांग जोकि दोनों देशों के बीच तनाव का मुख्य कारण है वहां पहले की तरह पेट्रोलिंग का अधिकार बहाल हो.
3. अपने फाइटर जेट्स के जरिए चीन ट्रांसग्रेशन से बाज आए यानी एलएसी के समीप युद्धक विमानों को न उड़ाए.
4.इस बैठक में भारत ने तनाव के तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चीन से चर्चा की, जिसमें चांग चेन्मो सेक्टर में कुगरांग नाला के पास पेट्रोलिंग प्वाइंट 15, चार्डिंग निंगलूंग नाला ट्रैक जंक्शन डेमचोक और देप्सांग प्लेन में जारी तनाव को खत्म करने, सेनाओं को पीछे हटाने और पूर्ववर्ती स्थिति को बहाल करने पर जोर दिया.