Chandrayaan 3 की सफलता से चिढ़ा चीन, लैंडिंग साइट के दावे को नकारा, दिया ये तर्क
Chandrayaan 3: चीन के वैज्ञानिक ओयांग जियुआन ने बुधवार को कहा कि भारत का यह कहना गलत है कि चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव के नजदीक उतरा था
highlights
- चीन के पहले मून मिशन के प्रमुख वैज्ञानिक ओयांग जियुआन का दावा
- भारत का मून मिशन चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्द्ध में उतारा है
नई दिल्ली:
Chandrayaan 3: भारत के चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलता से लैंड कर इतिहास रच दिया. नासा से लेकर यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने भारत की अंतरिक्ष एजेंसी की उपलब्धी पर बधाई दी. इसके साथ ही भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन चुका है, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग की है. लेकिन चीन भारत की सफलता से चिढ़ गया है. चीन के मून मिशन प्रोग्राम के संस्थापक के अनुसार, चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब लैंड कराने वाला दावा पूरी तरह से झूठा है. चीन के पहले मून मिशन के प्रमुख वैज्ञानिक ओयांग जियुआन ने बुधवार को कहा कि भारत का यह कहना गलत है कि चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव के नजदीक उतरा था.
गौरतलब है कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत रंग लाई. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंच चुका है. यहां पर दुनिया का कोई भी देश आज तक कभी नहीं पहुंच पाया है.' भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने भी लैंडिंग के बाद ये कहा था कि उनके मून मिशन ने सफलता हासिल की है. इसने दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग की है. हालांकि चीनी वैज्ञानिक ने इसे खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि भारत का मून मिशन चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्द्ध में उतारा है. ये दक्षिण ध्रुव क्षेत्र में नहीं है.
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चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के सदस्य ओयांग ने कहा 'चंद्रयान -3 की लैंडिंग साइट चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं हुई थी. ये न ही यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरा है. उन्होंने मीडिया को बताया कि भारत का रोवर लगभग 69 डिग्री दक्षिण के अक्षांश पर लैंड किया है. यह चंद्रमा के दक्षिणी गोलार्द्ध (Southern Hemisphere) में उतरा है. ये दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में नहीं उतरा है. ये 88.5 और 90 डिग्री के अक्षांशों के बीच है. दरअसल, पृथ्वी जिस धुरी पर सूर्य के चारों ओर घूम रही है, वे 23.5 डिग्री झुकी हुई है. ऐसे में दक्षिणी ध्रुव को 66.5 और 90 डिग्री दक्षिण के बीच माना गया है. ओयांग का कहना है कि चंद्रमा का झुकाव केवल 1.5 डिग्री है. ऐसे में उसका ध्रुवीय क्षेत्र बहुत छोटा (88.5 और 90 डिग्री के अक्षांशों के बीच ) है.
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