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Chandrayaan 3: भारत ने रचा इतिहास, पीएम मोदी बोले- ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का समय है

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के साथ ही भारत दुनिया का पहला देश बन गया. अभी तक किसी देश ने इस ध्रुव पर सफल लैंडिंग नहीं करा पाया था, भारत ने चंद्रक्रांति के जरिए अंतरिक्ष में झंडा गाड़ दिया है. ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूरा कार्यक्रम देखा और इसरो को बधाई दी.  

Updated on: 23 Aug 2023, 07:18 PM

नई दिल्ली:

भारत ने चंद्रमा पर इतिहास रच दिया. चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत ने दुनिया में सफलता का परचम लहराया है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत दुनिया का इकलौता देश हो गया, जिसने पहली बार इस इलाके में लैंड कराया है. मिशन मून के सफल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफल लैंडिंग के लिए सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा कि ये क्षण नए भारत के जयघोष का है,यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. कभी कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं और अब बच्चे कहेंगे चंदा मामा टूर के हैं. शुक्र ग्रह भी इसरो के लक्ष्यों में से एक है. उन्होंने कहा कि सफल मिशन पर भारत जीन के जश्नों में डूबा है. 

दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम मोदी ने वहीं से चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखा. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये पल नई ऊर्जा, नई चेतना के साथ चलने का है. पीएम ने कहा कि हार से सबक लेकर जीत हासिल की है. धरती पर संकल्प किया और चांद पर उसे साकार किया.   मैं भी अपने देशवासियों और परिवार के साथ इस उल्लास से जुड़ा हुआ हूं. देश के वैज्ञानिक और इसरो को इस अद्भुत पल के लिए बधाई देता हूं. हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है जहां आजतक दुनिया का कोई देश नहीं पहुंचा है. चंद्रयान-3 की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब हम आदित्य L-1 मिशन लॉन्च करेंगे. 

चांद पर लैंडिंग के साथ दुनिया का पहला देश बना भारत

बता दें कि 14 जुलाई 2023 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 को रवाना किया गया था. 39 दिन बाद बुधवार शाम 6.04 बजे चांद के दक्षिण ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की है. इस ऐतिहासिक मिशन की सफलता के लिए पूरे देश में प्रार्थनाओं और दुआओं का दौर चल रहा था. देश की 140 करोड़ जनता पूरी उम्मीद से भारत के इस ऐतिहासिक क्षण की आस लगाकर बैठी हुई थी. जनता के आशीर्वाद और और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत से आज भारत दुनिया का पहला देश बन गया, जिसने दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान को उतारा है.