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भारती एयरटेल-टाटा टेलीसर्विसेस विलय मामला: TDSAT के आदेश के खिलाफ केंद्र ने SC में अर्जी दायर की

केंद्र सरकार विलय से पहले भारती एयरटेल-टाटा टेलीसर्विसेस से लगभग 8,300 करोड़ रुपये का बकाया वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज वसूलना चाहती है.

Updated on: 03 Jul 2019, 12:22 PM

नई दिल्ली:

भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और टाटा टेलीसर्विसेस (Tata Teleservices) के विलय के मामले में TDSAT के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर
की है. केंद्र विलय से पहले इन कंपनियों से लगभग 8,300 करोड़ रुपये का बकाया वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज वसूलना चाहता है. TDSAT ने इस पर रोक लगाते हुए विलय को मंजूरी दी है. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा.

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भारती एयरटेल ने टाटा टेलीसर्विसेज के ग्राहकों से जुड़े कारोबार के कंपनी में विलय को पूरा करने के लिए दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) में 644 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा की थी. दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट ने 2 मई को टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड (टीटीएसएल) के भारती एयरटेल में विलय को मंजूरी देने के मामले में दूरसंचार विभाग की ओर से 8,300 करोड़ रुपये की मांग पर आंशिक रोक लगा दी थी. भारती एयरटेल ने विलय को पूरा करने के लिए टीडीसैड में करीब 644 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा की थी.

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बता दें कि TDSAT ने भारत सरकार के संबंधित अधिकारियों को दोनों कंपनियों के विलय और लाइसेंस को रिकॉर्ड में लेने को कहा था. इसके साथ ही करीब 7,000 करोड़ रुपये के एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क (ओटीएससी) पर स्थगन का निर्देश दिया था.