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कैलाश सत्यार्थी के घर चोरी, नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका और सर्टिफिकेट भी चुरा ले गए चोर

चोरी बीती रात अकलनंदा अपार्टमेंट में सत्यार्थी के घर पर हुई। चोरों ने घर का ताला तोड़कर गहने और दूसरा महंगे सामान भी ले गए।

Updated on: 09 Feb 2017, 02:23 PM

highlights

  • नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर चोरी का मामला सामने आया है
  • चोर अन्य सामानों के अलावा नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका भी चोरी कर ले गए

नई दिल्ली:

बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के घर में चोरों ने घुसकर उनका नोबेल प्रशस्ति पत्र और कुछ अन्य सामान चुरा लिया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। चोरी की घटना सोमवार रात दक्षिणी दिल्ली के अलकनंदा में हुई। सत्यार्थी और उनकी पत्नी फिलहाल नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं।

पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया ने कहा, 'चोर एक खिड़की और वेंटिलेटर को तोड़कर घर में घुसे। चोरी हुए वस्तुओं का सत्यापन किया जा रहा है। चोरी हुए सामानों में नोबेल प्रशस्ति पत्र भी है।'

पुलिस सत्यार्थी के अपार्टमेंट की सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के साथ पड़ोसियों के अपार्टमेंट की सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है। मंगलवार सुबह चोरी होने का पता चला और सत्यार्थी के बेटे भुवन रिभु ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

सत्यार्थी के फाउंडेशन के एक प्रवक्ता के अनुसार, चोर आभूषण, नकदी और इलेक्ट्रानिक सामान भी चुरा ले गए हैं। सत्यार्थी को 2014 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला थाष वह बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक हैं। यह संगठन बाल श्रम का उन्मूलन करने और बचाए गए पूर्व बाल श्रमिकों के पुनर्वास के प्रति समर्पित है। 

यह भारत में नोबेल प्रशस्ति पत्र की चोरी की दूसरी घटना है। देश के पहले नोबेल विजेता रबींद्रनाथ टैगोर का पदक अन्य 47 यादगार वस्तुओं के साथ पश्चिम बंगाल स्थित शांति निकेतन के रबींद्र भवन से चोरी हो गया था। 

चोरी की इस घटना का 25 मार्च 2004 को खुलासा हुआ था। जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो के सौंपा गया, लेकिन मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है। 

सत्यार्थी को 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। उन्हें यह पुरस्कार पाकिस्तान की मलाला युसुफजई के साथ संयुक्त रूप से दिया गया था। सत्यार्थी बाल मजदूरों को मुक्त कराने के लिए एनजीओ चलाते हैं।

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सत्यार्थी पेशे से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर हैं लेकिन 26 साल की ही उम्र में करियर छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया था।