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लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी फरवरी में तीन रेल परियोजनाओं की सौगात देंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'Make in India' के तहत फरवरी महीने में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की लांचिंग करने वाले हैं.

Updated on: 08 Feb 2019, 09:41 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'Make in India' के तहत फरवरी महीने में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की लांचिंग करने वाले हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण है चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री द्वारा निर्मित देश की पहली इंजन-रहित ट्रेन 18, जिसे वंदे भारत एक्सप्रेस भी कहा जाता है. पीएम मोदी 15 फरवरी को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. इसके अलावा भारतीय रेलवे के मिशन शत प्रतिशत विद्युतीकरण और गैर-कार्बनीकरण एजेंडा के मद्देनजर डीजल लोकोमोटिव वर्क्स, वाराणसी ने एक नया प्रोटोटाइप विद्युत लोकोमोटिव तैयार किया है जिसे डीजल लोकोमोटिव से बदलकर विकसित किया गया है. पीएम मोदी 19 फरवरी को भारतीय रेलवे की पहली कंवर्टेड लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाएंगे. इसके अलावा 27 फरवरी को पीएम मोदी तमिलनाडु में रामेश्वरम और धनुषकोडि को जोड़ने वाली रेलवे लाइन की नीव रखेंगे.

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15 फरवरी को ट्रेन 18 को हरी झंडी दिखाएंगे मोदी

रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 फरवरी को स्वदेश निर्मित ट्रेन 18 को हरी झंडी दिखाएंगे. चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री द्वारा निर्मित देश की पहली इंजन-रहित ट्रेन 18, जिसे वंदे भारत एक्सप्रेस भी कहा जाता है, को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से सुबह 10 बजे रवाना किया जाएगा.

अधिकारी के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के साथ ही लोगों को संबोधित करेंगे.' एग्जीक्यूटिव क्लास में नई दिल्ली से वाराणसी जाने वाले यात्रियों से सुबह की चाय, नाश्ते और दोपहर के भोजन के लिए 399 रुपये लिए जाएंगे जबकि चेयर कार के यात्रियों को 344 रुपये देने होंगे.

वहीं, नई दिल्ली से कानपुर और प्रयागराज जाने वाले यात्रियों को एक्जीक्यूटिव क्लास और चेयर सीट के लिए क्रमश: 155 रुपये और 122 रुपये देने होंगे. वाराणसी से नई दिल्ली जाने के लिए यात्रियों को एक्जीक्यूटिव क्लास और चेयर सीट के लिए क्रमश: 349 रुपये और 288 रुपये का शुल्क देना होगा. उन्हें नाश्ता, शाम की चाय और रात का खाना परोसा जाएगा.

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रेल मंत्रालय ने पहले ही संकेत दे दिया था कि ट्रेन 18 का किराया शताब्दी एक्सप्रेस की तुलना में 40-50 प्रतिशत अधिक होगा. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पहले कहा था कि स्वदेश निर्मित ट्रेन आठ घंटे में 795 किलोमीटर की दूरी पूरी कर लेगी जो रूट की अन्य सबसे तेज ट्रेनों की तुलना में 35 फीसदी तेज है. ट्रायल रन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चली ट्रेन 18 भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है.

अधिकारी ने बताया कि ट्रेन 18 में कोई इंजन नहीं है, बल्कि यह मेट्रो ट्रेनों की तरह डिब्बों के साथ पूरी ट्रेन है, जिसे शताब्दी एक्सप्रेस के बेड़े में शामिल किया जाएगा.

कंवर्टेड लोकोमोटिव

पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 19 फरवरी को भारतीय रेलवे की पहली कंवर्टेड लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाएंगे. बता दें कि भारतीय रेलवे ने पहली बार एक डीजल लोकोमोटिव को विद्युत चालित इंजन में बदला है और यह उसके ब्रॉडगेज नेटवर्क को पूरी तरह विद्युतीकृत करने के प्रयासों का हिस्सा है. रेलवे ने कहा, 'भारतीय रेलवे के मिशन शत प्रतिशत विद्युतीकरण और गैर-कार्बनीकरण एजेंडा के मद्देनजर डीजल लोकोमोटिव वर्क्स, वाराणसी ने एक नया प्रोटोटाइप विद्युत लोकोमोटिव तैयार किया है जिसे डीजल लोकोमोटिव से बदलकर विकसित किया गया है. अनिवार्य परीक्षण के बाद लोकोमोटिव को वाराणसी से लुधियाना के लिए भेजा गया.'

कंवर्टेड लोकोमोटिव की क्षमता 2600 एचपी से बढ़कर 5000 एचपी की गयी है. इस परियोजना पर काम 22 दिसंबर, 2017 को शुरू हुआ था और नया लोकोमोटिव 28 फरवरी, 2018 को तैयार करके भेजा गया. रेलवे ने बताया कि अवधारणा से लेकर डीजल लोकोमोटिव को विद्युत इंजन में बदलने तक का काम महज 69 दिन में पूरा किया गया.

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तमिलनाडु में रामेश्वरम से धनुषकोडी के बीच ब्रॉड गेज रेल लाइन

प्रधानमंत्री 27 फरवरी को तमिलनाडु में रामेश्वरम से धनुषकोडी के बीच ब्रॉड गेज रेल लाइन की आधारशिला रखेंगे. यह रेल लाइन 1964 में चक्रवात से तबाह हो गयी थी और तब से इस पर ध्यान नहीं दिया गया. दोनों बड़े तीर्थस्थल को जोड़ने वाली लाइन 208 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी.