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World Obesity Day 2024: क्यों मनाया जाता है विश्व ओबेसिटी डे, जानें इस दिन की खासियत

World Obesity Day 2024: ओबेसिटी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो विश्वभर में बढ़ती जा रही है, इसकी जागरूकता के लिए हर साल 4 मार्च को विश्व ओबेसिटी डे मनाया जाता है. आइए जानें क्यों खास है ये दिन और इससे बचाव के उपाय

Updated on: 03 Mar 2024, 04:17 PM

नई दिल्ली:

World Obesity Day 2024: ओबेसिटी (Obesity) यानि मोटापा एक समस्या है जिसमें व्यक्ति के शारीरिक वजन का बढ़ जाना होता है, जो उसके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि ओबेसिटी कई समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि डायबिटीज, हार्ट रोग, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, स्ट्रोक, जोड़ों की समस्याएं, श्वसन संबंधी समस्याएं, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं. ओबेसिटी एक विस्तार से मानसिक, भावनात्मक, और सामाजिक स्तर पर भी प्रभाव डाल सकती है, जिससे व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है. ओबेसिटी की रोकथाम और इसके प्रबंधन में सहायक हो सकता है स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली के अनुसार बदलाव करना. अगर कोई व्यक्ति ओबेसिटी से पीड़ित है, तो उन्हें चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए और आवश्यक उपचार का पालन करना चाहिए. WHO (World Health Orgnisation) के अध्ययन में यह अनुमान है कि, 1990 में जहां मोटापे से ग्रसित लोगों की संख्या 22.6 करोड़ थी, 2022 में ये संख्या बढ़कर 103.8 करोड़ हो गई, इनमे व्यस्क, किशोर और बच्चे शामिल है. ओबेसिटी के बारे में जागरूकता फैलाने और रोकथाम के लिए हर साल 4 मार्च को विश्व ओबेसिटी डे (World Obesity Day) मनाया जाता है.

विश्व ओबेसिटी डे (World Obesity Day) क्या है

विश्व ओबेसिटी डे (World Obesity Day) हर वर्ष 4 मार्च को मनाया जाता है और यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जब लोगों को ओबेसिटी और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है. इस दिन कई अधिकारिक और गैर-सरकारी संगठन, स्वास्थ्य संगठन और विशेषज्ञों द्वारा ओबेसिटी के कारण, प्रभाव और निवारण पर जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और उपाय आयोजित किए जाते हैं. इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली की महत्ता के बारे में जागरूक करना है और ओबेसिटी समस्या के समाधान के लिए सामाजिक, राजनीतिक और चिकित्सा स्तर पर कदम उठाने की प्रेरणा प्रदान करना है. 

विश्व ओबेसिटी डे (World Obesity Day) का उद्देश्य

ओबेसिटी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो आजकल विश्वभर में तेजी से फैल रही है. यह समस्या अनेक अन्य समस्याओं जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर आदि का कारण बनती है और जीवन की गुणवत्ता को धीमी कर देती है. विश्व ओबेसिटी डे के अवसर पर विभिन्न स्वास्थ्य संगठन, सरकारी और गैर-सरकारी संगठन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, और आम जनता द्वारा कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इनमें स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, रोजगारी कार्यक्रम, निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर, संवाद-वार्ता, सेमिनार और विभिन्न प्रतियोगिताएं शामिल होती हैं. इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को ओबेसिटी से जुड़ी सही जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है, साथ ही स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है. विभिन्न संगठन और सरकारी अधिकारी भी इस दिन को लेकर समाज के बीच उत्साह और जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाते हैं. सामाजिक मीडिया भी इस दिन के महत्व को बढ़ावा देता है, जिससे अधिक से अधिक लोग ओबेसिटी और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व को समझ सकें और इसके समाधान की ओर कदम बढ़ा सकें.

ओबेसिटी (Obesity) से बचाव

स्वस्थ आहार: स्वस्थ और संतुलित आहार लेना ओबेसिटी से बचाव में महत्वपूर्ण है. फल, सब्जियां, पूरे अनाज, दाल, नट्स, और प्रोटीन युक्त आहार को अपनाना चाहिए. तेल, चीनी, प्रोसेस्ड फूड्स, और अत्यधिक आलू, चावल, और मीठे पदार्थों से बचना चाहिए.

नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना ओबेसिटी को नियंत्रित करने में मदद करता है. योग, वाकिंग, जॉगिंग, साइक्लिंग, और व्यायाम के अन्य प्रकारों को अपनाना चाहिए.

नियमित चेकअप: समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेना और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना चाहिए.

संतुलित जीवनशैली: नियमित नींद लेना, स्ट्रेस को कम करना, और संतुलित जीवनशैली अपनाना चाहिए.

पोषण संशोधन: डाइटिंग को अपनाकर वजन को नियंत्रित करना, या डाइट प्लान के साथ किसी निदानाधिकारी की सलाह लेना चाहिए.

संबंधित समस्याओं का इलाज: अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि डायबिटीज, हार्ट रोग, या थायराइड को ठीक से नियंत्रित करना चाहिए.

सामुदायिक सहयोग: अपने सामाजिक और परिवार से सहयोग लेना और मोटापे को नियंत्रित करने के लिए साथ में काम करना.

विश्व ओबेसिटी डे का संदेश है कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित व्यायाम करना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि ओबेसिटी जैसी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सके और समाज में स्वस्थता और खुशहाली को बढ़ावा मिल सके.