शोखियों में फूलों का शबाब घोलकर दुनिया को अलविदा कह गए गोपालदास 'नीरज', सुनें उनके सदाबहार गानें
'ऐ भाई जरा देख के चलो', 'मेरा मन तेरा प्यासा', 'शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब' और 'हरी ओम हरी' जैसे एक से बढ़कर एक गानें लिखने वाले मशहूर गीतकार गोपालदास 'नीरज' आज हमारे बीच नहीं हैं।
नई दिल्ली:
'ऐ भाई जरा देख के चलो', 'मेरा मन तेरा प्यासा', 'शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब' और 'हरी ओम हरी' जैसे एक से बढ़कर एक गानें लिखने वाले मशहूर गीतकार गोपालदास 'नीरज' आज हमारे बीच नहीं हैं।
19 जुलाई 2018 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। अब सिर्फ उनके शब्द ही हमारे पास रह गए हैं। उनके गानों में एक खास बात यह भी होती थी कि वह बहुत बड़े-बड़े मुखड़े लिखते थे। आइये सुनते हैं उनके लिखे शानदार गानें...
गाना: काल का पहिया घूमे भइया!
(साल 1970, फिल्म: चंदा और बिजली)
ये भी पढ़ें: 'जो कवि अपनी कविता से मान सिंह जैसे डाकू को लूट सकते हैं, उन्हें कौन लूट सकता है?'
गाना: बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं
(साल 1971, फिल्म: पहचान)
गाना: ऐ भाई! जरा देख के चलो
(साल 1972, फिल्म: मेरा नाम जोकर)
ये भी पढ़ें: अब कौन कहेगा, 'ऐ भाई! जरा देख के चलो', हमेशा अमर रहेंगे कवि गोपालदास के गीत
गाना: हरी ओम हरी ओम
(साल 1972, फिल्म: यार मेरा)
गाना: पैसे की पहचान यहां
(साल 1970, फिल्म: पहचान)
गाना: शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब
(साल 1970, फिल्म: प्रेम पुजारी)
गाना: दिल आज शायर है
(साल 1971, फिल्म: गैम्बलर)
ये भी पढ़ें: नीरज जो कहते थे -'न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ बस इतनी सिर्फ बात है, किसी की आंख खुल गई, किसी को नींद आ गई'
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Islam: मृत्यु के बाद क्या होता है आत्मा के साथ, इस्लाम धर्म में छिपा है मौत के बाद का पूरा सच
-
Bahai Religion: बहाई धर्म क्या है, जानें दुनिया का सबसे नया धर्म कब और कैसे आया
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
बड़ी रोचक है Somnath Jyotirlinga की कहानी, बहुत कम ही लोग जानते होंगे ये दिलचस्प बातें