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फिर से रुलाने की तैयारी में प्याज, लगातार बढ़ रहा है दाम, जानें मंडी भाव

प्याज फिर रुलाने को उतारू है. देशभर में प्याज की आवक कमजोर होने के कारण रोज इसके दाम में इजाफा हो रहा है. पिछले एक सप्ताह में प्याज के भाव में 40-50 फीसदी की वृद्धि हुई है.

Updated on: 19 Sep 2019, 08:31 PM

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प्याज फिर रुलाने को उतारू है. देशभर में प्याज की आवक कमजोर होने के कारण रोज इसके दाम में इजाफा हो रहा है. पिछले एक सप्ताह में प्याज के भाव में 40-50 फीसदी की वृद्धि हुई है. दिल्ली की आजादपुर मंडी में गुरुवार को प्याज का थोक भाव 30-46 रुपये प्रति किलो था. वहीं, महाराष्ट्र के नासिक में अच्छी क्वालिटी का भाव 50-55 रुपये प्रति किलो था. कारोबारियों ने बताया कि देश में प्याज का स्टॉक काफी कम है, इसलिए मंडियों में आवक कमजोर है.

प्याज की कीमतों में हो रही वृद्धि को थामने के लिए सरकार ने बीते सप्ताह प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन कर दिया. सूत्रों के मुताबिक सरकार के इस कदम के बाद निर्यात होने की संभावना कम हो गई है. नासिक के एक निर्यातक ने कहा कि देश में खाने के लिए प्याज की किल्लत हो गई है, ऐसे में निर्यात कहां से होगा. उन्होंने कहा कि कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, केरल, तमिलनाडु समेत सभी दक्षिणी राज्यों में प्याज के स्टॉक में कमी है.

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कारोबारियों ने बताया कि इस समय किसी भी मंडी में 1,000-1,500 ट्रक से ज्यादा प्याज की आवक नहीं देखी जा रही है.

आजादपुर मंडी के कारोबारी और अनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने कहा पिछले दिनों दक्षिणी राज्यों में हुई बारिश से प्याज की फसल खराब होने की आशंका बढ़ गई है जिससे कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्याज के दाम और बढ़ेंगे.

एक अन्य प्याज व्यापारी ने कहा कि प्याज की नई फसल की आवक शुरू होने में अभी दो महीने बाकी हैं, इसलिए आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और इजाफा होना तय है.

शर्मा के आकलन के अनुसार, आजादपुर मंडी में गुरुवार को प्याज की आवक 57 ट्रक थी जबकि रोजाना मांग 75 ट्रक की होती है. प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार पहले ही नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नैफेड) को अपने स्टॉक से खुले बाजार में प्याज की बिक्री करने को कह चुकी है. मगर, शर्मा ने कहा कि नैफेड की तरफ से अगर चार-पांच ट्रक प्यात मंडी में उतारा ही जाता है तो वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है क्योंकि पूरी दिल्ली की रोजाना प्याज की खपत 3,000 टन है.

इस प्रकार, सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदम प्याज के दाम में हो रही वृद्धि को रोकने में कामयाब नहीं हो पाए हैं.

कारोबारियों ने कहा कि प्याज की सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार अगर प्याज का आयात करती है, तो उससे कीमतों में कमी आ सकती है क्योंकि प्याज की मौजूदा महंगाई सप्लाई की कमी की वजह से है.

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महाराष्ट्र प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार, प्रदेश में प्याज की प्रमुख मंडी लासलगांव में गुरुवार को प्याज का भाव 1500 से लेकर 4652 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि बीते सोमवार को मंडी में प्याज का भाव 1500 से लेकर 3392 रुपये प्रति क्विंटल था.

इस साल मई में केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी हॉर्टिकल्पचर उत्पादों के दूसरे अग्रिम उत्पादन के अनुसार, वर्ष 2018-19 में देश में प्याज का उत्पादन 232.84 लाख टन था जबकि एक साल पहले 2017-18 में 232.62 लाख टन था.