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पाकिस्तान पर ईरान के हमले के बाद कूदा अमेरिका, चीन ने दिखाया रास्ता, भारत ने इशारों में कही ये बड़ी बात

पाकिस्तानी नागरिकों सहित 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. इस हमले के बाद पाकिस्तान ने पहले तो ईरानी राजदूत को बुलाकर अपनी आपत्ति जताई और फिर राजदूत को पाकिस्तान से जाने की सलाह दी

Updated on: 18 Jan 2024, 08:08 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में स्थित आतंकी ग्रूप पर हमले के बाद ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. ईरान ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान स्थित दो आतंकी समूहों पर मिसाइलें दागी हैं, जिसके बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है. ईरान की इस हरकत पर पाकिस्तान ने भी नाराजगी जताई है. 16 जनवरी को ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जैश-अल-अदल के ठिकानों पर कई मिसाइलें दागी, जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तानी नागरिकों सहित 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.

इस हमले के बाद पाकिस्तान ने पहले तो ईरानी राजदूत को बुलाकर अपनी आपत्ति जताई और फिर राजदूत को पाकिस्तान से जाने की सलाह दी. पाकिस्तान के फैसले के बाद ईरान ने अपने राजदूत को घर बुला लिया है.

अमेरिका ने किसे दे डाली नसीहत

एक तरफ दुनिया इजराइल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध पर नजर थी, तभी ईरान ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर हमला कर दुनिया को चौंका दिया. ईरान के हवाई हमले के बाद कई देशों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने पाकिस्तान पर ईरान के हमले की निंदा की है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हमने ईरान को अपने तीन पड़ोसियों की अखंडता का उल्लंघन करते देखा है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.

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चीन का क्या रहा रिएक्शन?

ईरान और पाकिस्तान के बीच चीन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने कहा कि दोनों देशों को संयम बरतने की जरूरत है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि हम दोनों देशों से तनाव कम करने और संयम बरतने का अनुरोध करेंगे. साथ ही कहा कि ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे स्थिति और खराब हो जाए. दोनों देशों को शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए.

भारत ने क्या कहा? 

ईरान के हमले पर भारत ने कहा कि ये मसला दोनों देशों के बीच का है. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है. वह देशों द्वारा आत्मरक्षा में की जाने वाली कार्रवाइयों को समझता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है. जहां तक ​​भारत की बात है तो हम आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.