चांद से नहीं, भारत में पाकिस्तान से आते हैं आतंकवादी, जानें किसने कही ये बात
संयुक्त राष्ट्र (UN) के बाद पोलैंड स्थित यूरोपीय रूढ़िवादी और सुधारवादी समूह (European Conservatives and Reformists Group) से भी पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article-370) हटने और राज्य को केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद पाकिस्तान ने भारत को घेरने की काफी कोशिश की, लेकिन हर जगह उसे निराशा ही हाथ लगी. संयुक्त राष्ट्र (UN) के बाद पोलैंड स्थित यूरोपीय रूढ़िवादी और सुधारवादी समूह (European Conservatives and Reformists Group) से भी पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. यूरोपीय संसद ने आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को नसीहत दी है.
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यूरोपीय संसद ने भी पाकिस्तान की सच्चाई खोल कर रख दी है. पोलैंड के नेता और EU सांसद रिजार्ड जार्नेकी ने संसद में चर्चा के दौरान कहा कि भारत दुनिया का सबसे महान लोकतंत्र है. हमें भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में होने वाली आतंकी घटनाओं पर गौर करने की जरूरत है. उन्होंने साफ कहा कि ये आतंकी चांद से नहीं आते हैं. वे पड़ोसी देश (पाकिस्तान) से ही आ रहे हैं. ऐसे में हमें भारत का समर्थन करना चाहिए. क्योंकि पाकिस्तान में आतंकियों को संरक्षण मिलता है और वे पड़ोसी देश में हमले करते हैं.
वहीं, इटली के नेता और EU सांसद फुलवियो मार्तुसिलो ने कहा, पाकिस्तान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दे रहा है. उन्होंने स्थानीय हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ही है, जहां आतंकी साजिश रचकर यूरोप में हमलों को अंजाम देते हैं. आखिर में EU संसद ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान को बात करनी चाहिए और इस इसका शांतिपूर्ण हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिए.
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इससे पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया था, लेकिन वहां भी वे नाकाम हो गए. इसके बाद उन्हें मुस्लिम देश से मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वह भी उनके खिलाफ हो गए. सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे प्रभावशाली मुस्लिम देशों ने एक ओर पाकिस्तान को भारत के साथ बैकडोर डिप्लॉमसी चैनल ऐक्टिवेट करने की राय दी तो दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तल्ख भाषा के इस्तेमाल पर लगाम लगाएं.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के सबसे अजीज दोस्त चीन ने भी कश्मीर मुद्दे पर पीएम इमरान खान का साथ छोड़ दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (China President Xi Jinping) अगले महीने एक अनौपचारिक सम्मेलन में मिलने वाले हैं. इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच कश्मीर मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी. अब तो चीन ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का साथ देना शुरू कर दिया है. अब पाकिस्तान को यूरोपीय संघ की संसद से निराशा मिली है. यूरोपीय संघ की संसद ने कहा कि दोनों देश आपस में मिलकर कश्मीर मसले पर बातचीत करें.
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यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है, जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रों पर लागू होती है. यूरोपीय संघ समूह आठ संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं विश्व व्यापार संगठन में अपने सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करता है. यूरोपीय संघ के 21 देश नाटो के भी सदस्य हैं. यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण संस्थानों में यूरोपियन कमीशन, यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ परिषद, यूरोपीय न्यायलय एवं यूरोपियन सेंट्रल बैंक इत्यादि शामिल हैं. यूरोपीय संघ के नागरिक हर पांच वर्ष में अपनी संसदीय व्यवस्था के सदस्यों को चुनती है.
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