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अमेरिका में CAA के खिलाफ प्रदर्शन से फीका पड़ा गणतंत्र दिवस का जश्न

सीएए के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन शिकागो में किया गया जहां भारतीय अमेरिकी बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और कई मील लंबी मानव श्रृंखला बनाई.

Updated on: 27 Jan 2020, 10:57 AM

highlights

  • 'कोएलिशन टू स्टॉप जिनोसाइड' ने CAA पर विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया.
  • न्यूयॉर्क, शिकागो, ह्यूस्टन और सैन फ्रांसिस्को समेत 30 शहरों में लगे विरोधी नारे.
  • कुछ स्थानों पर खालिस्तान समर्थकों ने भारत विरोधी प्रदर्शन किए.

वॉशिंगटन:

अमेरिका (United States) में रविवार को भारत के 71वें गणतंत्र दिवस (Republic Day) का जश्न नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते फीका पड़ गया. अमेरिका के विभिन्न शहरों में रविवार को भारतीय अमेरिकियों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया. संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के समर्थन में भी लोग सामने आए. उनका कहना था कि 'भारत को पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों (Minorities) की परवाह है' और 'सीएए का भारतीय नागरिकों पर कोई प्रभाव नहीं होगा'. समर्थक हालांकि प्रदर्शनकारियों की तुलना में काफी कम थे, जिन्होंने भारत के धर्मनिरपेक्ष (Secular) ताने-बाने पर खतरा मंडराने की बात कही.

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कई शहरों में हुआ विरोध-प्रदर्शन
न्यूयॉर्क, शिकागो, ह्यूस्टन, अटलांटा और सैन फ्रांसिस्को के भारतीय वाणिज्य दूतावास और वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास में प्रदर्शनकारियों ने 'भारत माता की जय' और 'हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में सब भाई-भाई' नारे लगाए. सीएए के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन शिकागो में किया गया जहां भारतीय अमेरिकी बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और कई मील लंबी मानव श्रृंखला बनाई. अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में 500 से अधिक भारतीय अमेरिकियों ने व्हाइट हाउस के निकट से भारतीय दूतावास के पास स्थित गांधी प्रतिमा तक मार्च निकाला.

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'कोएलिशन टू स्टॉप जिनोसाइड' ने किया आयोजन
अमेरिका के करीब 30 शहरों में हाल में गठित संगठन 'कोएलिशन टू स्टॉप जिनोसाइड' ने विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया. इसमें भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद (आईएएमसी) इक्वालिटी लैब्स, ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएलएम), ज्यूईश वॉयस फॉर पीस (जेवीपी) और मानव अधिकारों के लिए हिंदू (एचएफएचआर) जैसे कई संगठन शामिल हैं. मैगसायसाय पुरस्कार विजेता संदीप पांडे ने वॉशिंगटन डीसी में लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'भारत सरकार द्वारा सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों पर बर्बर कार्रवाई करने के कारण ऐसे हालत बने कि सरकार के विभाजनकारी-सांप्रदायिक तथा फासीवादी एजेंडे को चुनौती देने के लिए महिलाओं को बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरना पड़ा'.

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खालिस्तान समर्थक नारे भी लगे
इस बीच कुछ स्थानों पर खालिस्तान समर्थकों ने भारत विरोधी प्रदर्शन किए. वहीं प्रदर्शनकारियों की बात काटते हुए कई स्थानों पर भारतीय अमेरिकियों ने मोदी सरकार के इस साहसी कदम के लिए उनकी सराहना भी की. वहीं प्रदर्शनकारियों की बात काटते हुए कई स्थानों पर भारतीय अमेरिकियों ने मोदी सरकार के इस साहसी कदम के लिए उनकी सराहना भी की.