logo-image

परवेज मुशर्रफ के दामन पर बेनजीर भुट्टो की हत्या के भी दाग, दागदार रहा कार्यकाल

नवाज शरीफ की सरकार ने उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया था. हालांकि इससे पहले भी पाकिस्तान की राजनीति में परवेज मुशर्रफ के दामन पर कई दाग लग चके हैं.

Updated on: 17 Dec 2019, 07:15 PM

highlights

  • बेनजीर भुट्टो की आत्मघाती हमले में मौत के छींटे भी पड़े थे मुशर्रफ पर.
  • लाल मस्जिद के मौलाना और उनकी पत्नी की हत्या की साजिश रचने का आरोप.
  • मुशर्रफ पर अकबर बुग्ती की हत्या का भी आरोप लगा. हालांकि बरी हो गए.

New Delhi:

राष्ट्रद्रोह के आरोप में दोषी पाए गए पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को विशेष अदालत ने राष्ट्रद्रोह के मसले में फांसी की सजा सुना दी है. पाकिस्तान के 'बहादुर' चीफ एक्जीक्यूटिव ने कारगिल युद्ध का खाका तैयार किया था, तो मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ता हाफिज सईद के खास दोस्त की श्रेणी में भी आते हैं. यही नहीं, अपने पर शिकंजा कसते देख दुबई जाकर छिप गए परवेज मुशर्रफ ने एक साक्षात्कार में खुद स्वीकार किया था कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकी शिविर चला रहा है और 'गैर स्टेट एक्टर' बतौर उनका इस्तेमाल करता आ रहा है. नवाज शरीफ की सरकार ने उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया था. हालांकि इससे पहले भी पाकिस्तान की राजनीति में परवेज मुशर्रफ के दामन पर कई दाग लग चके हैं.

यह भी पढ़ेंः CAA Protest Live: नागरिकता कानून पर हंगामा जारी, सीलमपुर के बाद अब जामा मस्जिद में प्रदर्शन

बेनज़ीर हत्या मामले में भगोड़ा घोषित
जब बेनजीर भुट्टो की आत्मघाती हमले में हत्या की गई थी तब परवेज मुशर्रफ ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे. बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में नृशंस हत्या कर दी गई थी. हत्या के तत्काल बाद मामला दर्ज कर रावलपिंडी कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई. पांचों संदिग्धों के खिलाफ मुख्य सुनवाई जनवरी 2008 में शुरू हुई. मुशर्रफ के खिलाफ फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने जांच की. एफआईए की जांच के बाद मुशर्रफ के खिलाफ 2009 में सुनवाई शुरू हुई. रावलपिंडी कोर्ट ने टीटीपी के बैतुल्ला मेहसूद को बेनज़ीर की हत्या का जिम्मेदार ठहराया. 2009 में पीपीपी सरकार ने मुशर्रफ के खिलाफ फिर से जांच के आदेश दिए. एफआईए के जेआईटी ने मुशर्रफ को फिर से आरोपी बनाया. सितम्बर 2017 में एंटी टेररिज्म कोर्ट ने मुशर्रफ को भगोड़ा करार दिया. साज़िश में शामिल दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 17 साल कैद की सजा सुनाई गयी.

यह भी पढ़ेंः VIDEO: CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर अमित शाह फिर बोले- सभी शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता

लाल मस्जिद केस में मुशर्रफ के खिलाफ हत्या का केस
मार्च 2015 में इस्लामाबाद की एक अदालत ने मुशर्रफ के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया. मुशर्रफ पर लाल मस्जिद के मौलाना गाजी अब्दुल राशिद और उनकी पत्नी की हत्या की साजिश में शामिल रहने का भी आरोप है. पुलिस ने लाल मस्जिद में सैन्य कार्रवाई के दौरान हत्या के मामले में 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मुशर्रफ पर उनके शासनकाल में 10 जुलाई, 2007 में लाल मस्जिद पर हुई सैन्य कार्रवाई के दौरान 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने का मामला दर्ज है.

यह भी पढ़ेंः CAA के विरोध में प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति से मिलीं सोनिया गांधी, बोलीं जनता की आवाज दबा रही मोदी सरकार

मुशर्रफ पर अकबर बुग्ती की हत्या का भी आरोप था
बलूच नेता नवाब अकबर बुग्ती 26 अगस्त 2006 को बलूचिस्तान के कोहलू जिले के तरातबी के पहाड़ों पर बलूच विद्रोहियों के विरुद्ध सेना की कार्रवाई में मारे गये थे, जिसके बाद पकिस्तान में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ था. नवाब बुग्ती के पुत्र नवाबजादा जमील अकबर बुग्ती ने अपने पिता की हत्या मामले में परवेज मुशर्रफ के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. अकबर बुग्ती की हत्या के मामले में जून 2013 में मुशर्रफ को गिरफ्तार कर लिया गया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. हालांकि जनवरी 2016 में पाकिस्तान के क्वेटा की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने परवेज मुशर्रफ को नवाब अकबर खां बुग्ती की हत्या के आरोप से बरी कर दिया था.