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कश्‍मीर (Jammu And Kashmir) नहीं, चीन (China) के मुसलमानों की चिंता करे पाकिस्‍तान (Pakistan) : अमेरिका

अमेरिका की दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की मंत्री एलिस जी वेल्स ने कहा, मुलसमानों के मानवाधिकारों के उल्‍लंघन के मामले अधिक हैं और पाकिस्‍तान को उनकी चिंता करनी चाहिए न कि कश्‍मीर के मुसलमानों की.

Updated on: 28 Sep 2019, 08:07 AM

highlights

  • दक्षिण-मध्य एशिया मामलों की उपमंत्री एलिस वेल्स ने चीन को घेरा
  • पाकिस्‍तान कभी चीन में मुस्लिमों के हालात पर बात नहीं करता 
  • इमरान खान ने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन पर जताई थी चिंता

नई दिल्‍ली:

Pakistan should worry about Chinese Muslims not Kashmir : जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu And Kashmir) के मुसलमानों (Muslims) की स्‍थिति पर चिंता जताने के पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के बयान पर अमेरिका (America) ने पलटवार किया है. अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्‍तान को कश्‍मीर से ज्‍यादा चीन (China) के मुसलमानों की हालत के बारे में चिंता करनी चाहिए. चीन में मुसलमानों की हालत काफी बदतर है और उन्‍हें नजरबंदी शिविरों में रखा जा रहा है. अमेरिका (America) की दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की मंत्री एलिस जी वेल्स (HG Weles) ने कहा, मुलसमानों के मानवाधिकारों (Human Rights Violation) के उल्‍लंघन के मामले अधिक हैं और पाकिस्‍तान (Pakistan) को उनकी चिंता करनी चाहिए न कि कश्‍मीर (Kashmir) के मुसलमानों की.

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वेल्स बोले, “ट्रम्प प्रशासन (Trump Administration) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में चीन (China) द्वारा मुस्लिमों के नजरबंदी शिविरों के भयानक हालात को प्रमुखता से उठाया है. पूरे चीन में ऐसे ही हालात हैं. हम आगे भी इस मसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाते रहेंगे."

संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nation General Assembly) के साथ अन्य कई मंचों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) कश्मीर (Kashmir) का मुद्दा उठा चुके हैं. हालांकि उन्‍हें अपनी कोशिशों में सफलता हाथ नहीं लगी है. हाल ही में यूएन महासभा (UNGA) में इमरान खान ने माना था कि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में वे विफल रहे हैं. उन्‍होंने यह भी कहा था कि मामले की गंभीरता न समझ पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वे खफा हैं.

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बता दें कि भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्‍तान के स्‍टैंड का अब तक केवल चीन ने ही समर्थन दिया है. यूएन (UN) में बंद कमरे में कश्मीर समस्या पर बहस कराने के लिए चीन ने ही पहल की थी, लेकिन दोनों देश उसमें भी असफल रहे थे. 57 देशों के इस्लामिक कोऑपरेशन आर्गनाइजेशन (आईओसी) ने भी पाकिस्‍तान का साथ नहीं दिया है.