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पाकिस्तान ने अपने ही पैरों पर मारी कुल्हाड़ी, व्यापार रद्द करने से टमाटर-प्याज तक को तरसेगा

तमाम तनाव के बावजूद भारत-पाकिस्तान दि्वपक्षीय कारोबार 18 हजार करोड़ रुपये का था, लेकिन पुलवामा हमले के बाद से तो आयात-निर्यात भी नहीं हो रहा. ऐसे में पाकिस्तान के फैसले से उसी के घरेलू कारोबार पर असर पड़ने वाला है.

Updated on: 08 Aug 2019, 01:41 PM

highlights

  • व्यापारिक रिश्तें खत्म करने से पाकिस्तान में रोजमर्रा के इस्तेमाल की कई वस्तुएं महंगी हो जाएंगी.
  • प्याज-टमाटर के अलावा रसायनों के लिए भारत पर ही काफी हद तक निर्भर.
  • भारत की पाकिस्तान पर निर्भरता है कम. ऐसे में नुकसान उठाएगा पाकिस्तान.

नई दिल्ली.:

जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान का हर दांव उलटा ही पड़ा रहा है. अमेरिका ने उसे भारत के खिलाफ आतंकवाद पर लगाम लगाने की दो-टूक चेतावनी दी है तो अन्य देशों ने भी धारा 370 को हटाना भारत का आंतरिक मामला करार दिया है. खिसियाए पाकिस्तान ने भारत के इस कदम पर सख्त विरोध जताने के लिए न सिर्फ भारतीय राजनयिक को वापस भेजने का फैसला किया, बल्कि दि्वपक्षीय व्यापार खत्म करने की भी घोषणा कर दी. हालांकि जानकार कहते हैं कि इस कदम से भी सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को होगा. अभी तक भारत तमाम तरह के तनाव के बावजूद पाकिस्तान को जरूरी चीजों की आमद जारी रखे था.

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पाक के घरेलू बाजार पर सबसे ज्यादा असर
खिसियाए पाकिस्तान ने बुधवार को दोनों देशों के बीच दि्वपक्षीय व्यापार रद कर दिया. हालांकि उसके इस फैसले से भारत को ज्यादा नुकसान नहीं होगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच किसी भी स्तर की बातचीत पिछले तीन साल से बंद है. यही नहीं, तमाम तनाव के बावजूद भारत-पाकिस्तान दि्वपक्षीय कारोबार 18 हजार करोड़ रुपये का था, लेकिन पुलवामा हमले के बाद से तो आयात-निर्यात भी नहीं हो रहा. ऐसे में पाकिस्तान के फैसले से उसी के घरेलू कारोबार पर असर पड़ने वाला है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से पड़ोसी देश पाकिस्तान में रोजमर्रा के इस्तेमाल की कई वस्तुएं महंगी हो जाएंगी. खासकर वे वस्तुएं जो भारत से पाकिस्तान जा रही थीं.

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टमाटर और प्याज तक भारत से लेता है
गौरतलब है कि पाकिस्तान प्याज और टमाटर जैसी रोजमर्रा के इस्तेमाल की खाद्य वस्तुओं के अलावा रसायनों के लिए भारत पर ही काफी हद तक निर्भर है. दि्वपक्षीय कारोबार को बंद करने के कदम से पाकिस्तान को ही झटका लगेगा, क्योंकि वह भारत पर अधिक निर्भरता रखता है. पाकिस्तान ने अपनी खुन्नस और अकड़ में भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा अभी तक नहीं दिया. इसके चलते सीमित चीजों का एक्सपोर्ट ही भारत कर पाता था. ऐसे में यह फैसला उसे कहीं ज्यादा चोट पहुंचाएगा. वह तमाम कृषि उत्पादों के लिए भी भारत पर निर्भर है.

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भारत का आयात 92 फीसदी कम
इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच कारोबारी रिश्ते निचले स्तर पर थे. भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से आने वाली चीजों पर 200 पर्सेंट कस्टम ड्यूटी कर दी थी. इसके चलते पाक से होने वाले आयात में 92 पर्सेंट की गिरावट आई थी और यह इस साल मार्च में महज 2.84 मिलियन डॉलर ही रह गया था, जबकि मार्च 2018 में यह 34.61 अमेरिकी डॉलर था. पाकिस्तान से भारत कपास, फल, सीमेंट, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का आयात करता है.

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लेने-देन वाली वस्तुएं
भारत, पाकिस्‍तान को चीनी, चाय, ऑयल केक, पेट्रोलियम ऑयल, कॉटन, टायर, रबड़, समेत 14 वस्‍तुओं का प्रमुख रूप से निर्यात करता है. वहीं भारत, पाकिस्‍तान से कुल 19 प्रमुख उत्‍पादों का आयात करता है. इन उत्‍पादों में अमरूद, आम, अनानास, फ्रेबिक कॉटन, साइक्लिक हाइड्रोकॉर्बन, पेट्रोलियम गैस, पोर्टलैंड सीमेंट, कॉपर वेस्‍ट और स्‍क्रैप, कॉटन यॉर्न जैसे उत्‍पाद शामिल हैं.

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हर लिहाज से पाकिस्तान का नुकसान
2018-19 में जुलाई-जनवरी के बीच दोनों देशों के बीच व्यापार मामूली बढ़ोतरी के साथ 1.122 अरब रहा था. कुल द्विपक्षीय व्यापार में 79.33 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में भारतीय निर्यात का है. दोनों देशों के बीच कारोबार अब भी बेहद कम है. 2015-16 में भारत का कुल व्‍यापार 641 अरब डॉलर रहा है. वहीं पाकिस्‍तान के साथ व्‍यापार मात्र 2.67 अरब डॉलर रहा. पाकिस्‍तान को भारत का निर्यात मात्र 2.17 अरब डॉलर रहा. भारत के कुल निर्यात में यह मात्र 0.83 फीसदी. वहीं पाकिस्‍तान से भारत का आयात 50 करोड़ डॉलर से भी कम है. यह भारत के कुल आयात का 0.13 फीसदी है.