logo-image

इमरान खान के 'दोगलेपन' पर उबले मुसलमान, कहा- बंद करो 'हितैषी' बनने का पाखंड

इमरान खान ने उइगर मुसलमानों की 'दयनीय स्थिति' के प्रति 'अज्ञानता' एक ऐसे समय प्रकट की, जब पूरा वैश्विक समुदाय उइगर मुसलमानों के दमन के लिए चीन की कड़ी आलोचना कर चुका है.

Updated on: 16 Sep 2019, 12:20 PM

highlights

  • चीन में उइगर मुसलमानों के दमन और उत्पीड़न का सवाल टाल गए इमरान खान.
  • अब दुनिया भर के मुसलमान वजीर-ए-आजम को पानी पी-पी कर कोस रहे.
  • कश्मीरियों और भारतीय मुसलमानों के बनने चले थे रहनुमा और हमदर्द.

नई दिल्ली:

खुद को मुसलमानों (Muslims) खासकर कश्मीरी मुसलमानों का 'हमदर्द और रहनुमा' (Wellwisher) मानने वाले इमरान खान के 'दोगले चरित्र' की बानगी सामने आने पर अब दुनिया भर के मुसलमान ही पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम को पानी पी-पी कर कोस रहे हैं. खासकर अपने ही देश में इमरान खान (Imran Khan) सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे है. उनकी भद्द पिटने का सबब बना है समाचार चैनल अल-जजीरा (Al Jazeera) को दिया गया उनका इंटरव्यू. इसमें वह कश्मीर, भारतीय मुसलमानों के 'मानवाधिकारों और हितों' की बात करते दिख रहे हैं. यह अलग बात है कि जब उनसे पाकिस्तान के परम मित्र चीन (China) के उइगर मुसलमानों (Uighur muslims) के 'दमन और उत्पीड़न' का सवाल पूछा जाता है, तो वह अज्ञानता प्रदर्शित कर गोल-मोल जवाब देते नजर आते हैं.

यह भी पढ़ेंः अमेरिका-ईरान में युद्ध जैसे हालात, सऊदी अरामको पर ड्रोन हमले के बाद तैनात की मिसाइलें

उइगर मुसलमानों के दमन पर बगले झांकने लगे इमरान खान
मसला कुछ यूं है कि अल-जजीरा को दिए इंटरव्‍यू (Interview) में इमरान खान कश्मीरियों (kashmiri) और भारतीय मुसलमानों पर लंबी-चौड़ी बातें करते दिखे. कश्मीर में भारतीय सेना की ज्यादितियों और 'नरसंहार' (Genocide) के लिए उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार (BJP) को जमकर कोसा. यहां तक कि वे बीजेपी पर 'नस्लवादी' (Racist) और 'फासीवादी' (Fascist) होने का बड़ा आरोप लगाने तक से नहीं चूके. हालांकि इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार मोहम्मद जमजूम ने जब उनसे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उइगर मुसलमानों की 'दयनीय स्थिति' का जिक्र करने के बारे में पूछा, तो वह बगले झांकते नजर आए. उनका कहना था कि उन्हें इसके बारे में ज्यादा मालूम नहीं (Ignorence) है.

यह भी पढ़ेंः पूरा का पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का, PoK से कब्जा छोड़े पाकिस्तानः ब्रिटिश सांसद

बेशर्मी से टाल गए प्रश्न
यही नहीं, पत्रकार के कुरेदने पर उन्होंने दोगलेपन (Double Standards) का परिचय देते हुए एक बार फिर कश्मीर, भारतीय मुसलमानों का जिक्र किया. वह यहां तक कह गए कि फिलहाल उनकी प्राथमिकता (Priority) पाकिस्तान के समक्ष विद्यमान समस्याओं से पार पाना है. हालांकि वह यह कहना नहीं भूले कि चीन पाकिस्तान का अच्छा दोस्त है. इमरान खान ने उइगर मुसलमानों की 'दयनीय स्थिति' के प्रति 'अज्ञानता' एक ऐसे समय प्रकट की, जब पूरा वैश्विक समुदाय (International Community) उइगर मुसलमानों के दमन के लिए चीन की कड़ी आलोचना कर चुका है.

यह भी पढ़ेंः अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक शो, 'Howdi Modi' की शान बढ़ाएंगे डोनाल्‍ड ट्रंप

सोशल मीडिया पर उधेड़ी गई बखिया
जाहिर है इसके बाद तो इमरान खान के इस 'दोगलेपन पर उन्हें कठघरे में खड़े करने वालों का तांता लग गया. नेट यूजर्स ने मुसलमानों को लेकर उनके 'पक्षपाती' रवैये खासकर उइगर मुसलमानों के दमन पर बखिया उधेड़ कर रख दी. पाकिस्तानी की पत्रकार ताहा सिद्दकी (Taha Siddque) ने उनके दोहरे रवैये पर ही सवाल खड़े कर दिए. साथ ही यह नसीहत भी दे डाली कि इमरान खान 'पाखंड' से बचें.

यह भी पढ़ेंः जैश के नाम पर पाकिस्तान से आई चिट्ठी- भारत में होगा बड़ा धमाका, चारों ओर खून ही खून नजर आएगा

पाखंडी तक करार दिए गए इमरान
एक अन्य पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत (Naila Inayat) ने भी अपनी ट्वीट में पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम की जमकर मजम्मत की. उन्होंने लिखा, कश्मीर और भारत पर देर तलक बोलने वाले इमरान खान साहब...उइगर मुसलमानों के चीनी सरकार के दमन की बात आते ही आपको अपनी पाकिस्तानी आवाम की याद आ गई. हद है पाखंड (Hypocrite) की. एक अन्य टि्वटर यूजर नूरी बद्दत ने लिखा कि अंततः इमरान खान ने मान लिया कि पाकिस्तान आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन वे उनके समाधान के लिए गंभीरता से प्रयास कब शुरू करेंगे? मुसलमान भाइयों को लेकर भी उनकी सोच सलेक्टिव ही है, क्यों?

यह भी पढ़ेंः अब तो वास्तव में कंगाली के और करीब पहुंचा पाकिस्तान, GSP के दर्जे पर संकट

पहले भी टाला उइगर मुसलमानों का चीन में दमन का सवाल
यह कोई पहला मौका नहीं है जब उइगर मुसलमानों को लेकर पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम (Pakistan Prime Minister) ने दोगलेपन का परिचय दिया है. बीते साल तुर्की की इंटरनेशनल न्यूज को दिए साक्षात्कार में भी पत्रकार ने उइगर मुसलमानों के दमन की बात उठाई थी. तब भी इमरान खान ने यही कहा था कि वह चीन की स्थितियों से अनभिज्ञ हैं. तब भी इसको लेकर उनकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों ने जमकर मजम्मत की थी.