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पीएम नरेंद्र मोदी की राह चला पाकिस्तान, वहां भी बन सकता है यह कानून

पाकिस्‍तानी मीडिया के हवाले से बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान में मांग उठी है कि भारत की तर्ज पर तीन तलाक को अपराध माना जाए और इसके लिए कानून बनाया जाना चाहिए.

Updated on: 08 Sep 2019, 02:57 PM

नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक कदम पसंद आ गया है और वहां भी वैसा ही कदम उठाने की मांग की जा रही है. पाकिस्‍तानी मीडिया के हवाले से बताया जा रहा है कि पाकिस्‍तान में मांग उठी है कि भारत की तर्ज पर तीन तलाक को अपराध माना जाए और इसके लिए कानून बनाया जाना चाहिए. शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट ने पाकिस्‍तान काउंसिल ऑफ इस्‍लामिक आइडियोलॉजी के हवाले से यह जानकारी दी. पाकिस्‍तान काउंसिल ऑफ इस्‍लामिक आइडियोलॉजी पाकिस्‍तान में सरकार को इस्‍लामी मामलों में सरकार को कानूनी सलाह देती है. पाकिस्‍तान काउंसिल की यह राय भारत में तत्‍काल तीन तलाक के खिलाफ बने कानून के बाद आई है.

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द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान की काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (CII) ने सिफारिश की है कि ट्रिपल तलाक के कृत्य को इस्लामिक राष्ट्र में दंडनीय अपराध माना जाना चाहिए. कानून एवं न्याय को लेकर पाकिस्‍तानी संसद की स्थायी समिति की बैठक में सांसद बशीर विर्क के सवाल के जवाब में सीआईआई के अफसरों ने कहा, भले ही मजाक में कहा जाए लेकिन अगर एक ही सांस में पति तीन बार पत्नी को तलाक बोल देता है तो तलाक हो जाती है.

संघीय कानून मंत्री फारोग नसीम ने कहा कि इस्लामी इतिहास में इसकी मिसाल मिलती है कि एक ही बार में तीन तलाक बोलने वालों को दंडित किया गया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम के दूसरे खलीफा हजरत उमर ने तीन तलाक देने वालों को दंडित किया था. ऐसे में संसद इसे दंडनीय अपराध बनाने के लिए कानून बना सकती है.

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सीआईआई के चेयरमैन डॉ. किबला अयाज ने कहा कि सुन्नी समुदाय के हनफी समाज में तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने की जरूरत है. सजा कितनी और कैसी हो, इस बारे में पूछे जाने पर अयाज ने कहा कि सीआईआई ने इस पर अभी कुछ तय नहीं किया है. अगर कानून मंत्रालय इसे दंडनीय अपराध बनाने के हमारे सुझाव को स्वीकार कर लेता है तो फिर सजा पर भी फैसला ले लिया जाएगा.

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कानून मंत्री ने यह भी कहा कि तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाए जाने से पुलिस के लिए रिश्वतखोरी के नए दरवाजे खुल जाएंगे, इस पर भी ध्‍यान देने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर तलाक कोई अपराध नहीं है तो ऐसे कानून से बचना चाहिए लेकिन अगर सम्मानित खलीफा द्वारा ऐसा किया गया हो तो फिर हम उसे मानेंगे. गौरतलब है कि हाल ही में भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध करार देने वाला कानून बनाया है.