पाकिस्तानी अवाम को महंगाई डायन खाय जात है, अखबार ही पोल खोल रहे आर्थिक दुश्वारियों की
बढ़ती महंगाई से आम लोगों की जिंदगी बद्तर होती जा रही है. पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों के साथ ही अब पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के दाम भी सातवें आसमान पर हैं.
highlights
- अगले कुछ महीने में पाकिस्तानी रुपया 200 प्रति डॉलर के स्तर को छू सकता है.
- पाकिस्तान में महंगाई का आंकड़ा 11 फीसदी पार कर 11.6 फीसदी पर है.
- इस बर्बादी के पीछे राजनीतिक व्यवस्था ही काफी हद तक जिम्मेदार.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान का मीडिया ही वहां के अंदरूनी हालात की बखियां उधेड़े पड़ा है. वहां के प्रमुख राष्ट्रीय अखबारों की मानें तो बढ़ती महंगाई से आम लोगों की जिंदगी बद्तर होती जा रही है. पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों के साथ ही अब पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के दाम भी सातवें आसमान पर हैं. अगस्त में पाकिस्तान में महंगाई बीते सात साल में सबसे अधिक रही है. पाकिस्तान में महंगाई का आंकड़ा 11 फीसदी पार कर 11.6 फीसदी पर है.
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महंगाई डायन खाय जात है
गौरतलब है कि इमरान खान के पिछले साल अगस्त में सत्ता में आने पर पेट्रोल और डीजल 95.24 रुपये और 112.94 रुपये प्रति लीटर था. अब महज एक साल के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम क्रमशः 117.83 रुपये और 132.47 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं. खाद्य तेलों की कीमत 180-200 रुपये से बढ़कर 200-220 रुपये प्रति किलो हो गई, तो दालों की कीमतें भी दो गुनी से अधिक बढ़ गई हैं. मूंग, मसूर और अरहर की कीमतें जो पहले 90 रुपये से 100 रुपये के बीच थीं, अब बढ़कर 150 रुपये से 180 रुपए हो गई हैं.
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गौर करें पाकिस्तान की सुर्खियों पर
- अखबार डॉन के आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन पिछले कुछ साल में यह औसतन 4.3 फीसदी की दर से बढ़ी है.
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार 2019 और 2020 में पाक की जीडीपी में बढ़त दर 3 फीसद से भी कम रह जाएगी.
- पाकिस्तान की इस बर्बादी के पीछे अखबार ने राजनीतिक व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है, जो अभी भी कर्ज और संरक्षण पर चलती है. यही नहीं, पाकिस्तान की अर्थ व्यवस्था काफी हद तक पारदर्शिता से रहित है और संस्थागत स्वायत्तता से दूर है.
- आतंकी संगठनों की फंडिंग की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद अब पाकिस्तान एशिया पैसिफिक समूह (एपीजी) से ब्लैकलिस्ट भी हो चुका है.
- न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रोजाना निचले स्तर को छू रहा है. रुपये में गिरावट की वजह से पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ पेट्रोल-डीज़ल के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं.
- अगले कुछ महीने में पाकिस्तानी रुपया 200 प्रति डॉलर के स्तर को छू सकता है. ऐसा होने पर पाकिस्तान में महंगाई और तेजी से बढ़ने की आशंका है, क्योंकि पाकिस्तान अपनी जरूरत का ज्यादातर कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है.
- साथ ही, रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली कई चीज़ें भी विदेशों से मंगाई जाती है. ऐसे में पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के लिए इंपोर्ट महंगा हो जाएगा. लिहाजा महंगाई और तेजी से बढ़ेगी.
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