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नेपाल ने 8 भारतीय पर्यटकों की मौत की जांच के लिए समिति गठित की, 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट

नेपाल ने आठ भारतीय पर्यटकों की मौत की जांच के लिए बुधवार को पांच सदस्यीय एक समिति का गठन किया है, जो 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

Updated on: 23 Jan 2020, 03:00 AM

दिल्ली:

नेपाल ने आठ भारतीय पर्यटकों की मौत की जांच के लिए बुधवार को पांच सदस्यीय एक समिति का गठन किया है, जो 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. पर्यटन विभाग ने एक बयान में कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है. समिति यह जांच करेगी कि रिजॉर्ट क्या सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन कर रही है या नहीं. विभाग ने समिति को अगले 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट देने को कहा है. नेपाल में एक रिजॉर्ट के कमरे में मृत मिले आठ भारतीय पर्यटकों के शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. उनके शव बृहस्पतिवार को भारत लाए जाएंगे. एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने यह जानकारी दी.

गौरतलब है कि हीटर से संदिग्ध गैस रिसाव के कारण मंगलवार को चार बच्चों समेत आठ भारतीय पर्यटकों की रिजॉर्ट में मौत हो गई थी. दो दंपत्ति और चार बच्चे, केरल के उन 15 लोगों के उस समूह का हिस्सा थे जो केरल से पोखरा गया था. वे अपने घर वापस लौट रहे थे और सोमवार की रात मकवानपुर जिले के दमन में एवरेस्ट पैनोरमा रिजॉर्ट में रुके थे. रिजॉर्ट के प्रबंधक के अनुसार, ये लोग एक कमरे में रुके थे और उन्होंने खुद को गर्म रखने के लिए गैस हीटर चालू किया.

पुलिस अधीक्षक सुशील सिंह राठौर ने बताया कि रिजॉर्ट के कमरे में बेहोश मिले इन भारतीय नागरिकों को एचएएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. मकवानपुर पुलिस ने बताया कि इन लोगों का दम घुटने के कारण बेहोश होने की आशंका है. काठमांडू में भारतीय दूतावास के सूत्रों ने बताया कि ‘सभी आठ लोगों को हवाई मार्ग से काठमांडू के एक अस्पताल लाया गया. भारतीय मिशन के एक चिकित्सक को भी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए तुरन्त संबंधित अस्पताल भेजा गया.’

भारतीय दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘काठमांडू के टीचिंग अस्पताल में शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. शवों को कल (गुरुवार) सुबह वापस लाया जाएगा.’’ उन्होंने बताया कि जो सात लोग जीवित बचे हैं उनमें से दो शवों के साथ रूके हैं जबकि बाकी के लोग घर के लिए रवाना हो गए हैं. मृतकों की पहचान प्रवीण कृष्णन नायर, शरन्या शशि, श्रीभद्र प्रवीण, आरचा प्रवीण, अभिनव शरन्या नायर, रंजीत कुमार, आदथोल पुनाथिल, इंदु लक्ष्मी पीतांबरन रागलता और वैष्णव रंजीत के रूप में हुई है.

दो दंपत्ति और चार बच्चे, केरल के उन 15 लोगों के उस समूह का हिस्सा थे जो केरल से पोखरा गया था. रिजॉर्ट के प्रबंधक के अनुसार, ये लोग एक कमरे में रूके थे और उन्होंने खुद को गर्म रखने के लिए गैस हीटर चालू किया. अधिकारी ने बताया कि भारतीय मिशन मृतकों के परिवार, मित्रों, स्थानीय प्राधिकारियों और अस्पताल के अधिकारियों के संपर्क में है. उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शवों को वापस भेजने की प्रक्रिया जल्द से जल्द हो.’’

काठमांडू पोस्ट ने रिजॉर्ट के मैनेजर शिवा केसी के हवाले से कहा, ‘‘उन लोगों ने रिजॉर्ट के रेस्टोरेंट से नाश्ता मंगवाया था.’’ रात साढ़े दस बजे के बाद दोनों कॉटेज के अतिथि अपने-अपने कमरों में चले गए थे और कुछ अन्य रेस्टोरेंट में ही रूके रहे. मैनेजर ने कहा, ‘‘हमारी आपत्ति के बावजूद वे रेस्टोरेंट में लगे हीटर को अपने कमरों में ले जाने का अनुरोध लगातार करते रहे. देर रात करीब दो बजे वे रेस्टोरेंट से हीटर अपने कमरे में ले गए.’’

परिवार के एक सदस्य ने बताया कि दोनों आईटी पेशेवर प्रवीन नायर और रंजीत इंजीनियरिंग कॉलेज के सहपाठी और मित्र थे और दिल्ली में अपने पुराने मित्रों से मिलने के बाद उन्होंने इस यात्रा की योजना बनाई थी. तिरुवनंतपुरम के चेमपजंथी के रहने वाले प्रबीन दिल्ली में इंजीनियर थे जबकि उनकी पत्नी शरण्या तीन बच्चों के साथ कोच्चि में रह रही थी. परिवार के एक सदस्य ने बताया कि रंजीत तिरुवनंतपुरम में एक आईटी फर्म में कार्यरत थे जबकि उनकी पत्नी इंदु कोझिकोड में एक सहकारी बैंक में लेखाकार थी. रंजीत का बड़ा बेटा माधव बच गया क्योंकि वह एक अन्य कमरे में सो रहे थे.