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G-20 Summit: चीन को इटली देगा बड़ा झटका, इस प्रोजेक्ट से खुद को अलग करना चाह रही हैं पीएम मेलोनी

इससे पहले जी 20 सम्मेलन के दौरान भारत ने यूरोप और अमेरिका समेत कई अन्य देशों के साथ महत्वाकांक्षी इंडिया मिडिल ईस्ट कॉरिडोर ऐलान किया था. इस नए कॉरिडोर को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. इस कॉरिडोर में 8 देश शामिल है

Updated on: 10 Sep 2023, 08:04 PM

नई दिल्ली:

जी-20 सम्मेलन का आज समापन हो गया. इस समिट में चीन और रूस के राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हुए थे. चीन ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर प्रधानमंत्री को सम्मेलन के लिए दिल्ली भेजा था. वहीं, रूस के विदेश मंत्री इस समिट में शामिल हुए हैं. इस बीच चीन को करारा झटका लगने की संभावना जताई जा रही है. क्योंकि जी-20 के सदस्य देश इटली ने BRI से अलग होने का मन बनाया है. इटली की प्रधानमंत्री ने इस सम्मेलन से इतर बीआरआई प्रोजेक्ट से अलग होने की इच्छा जाहिर की है. 

दरअसल, चीन अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट और रोड इनिशिएटिव (BRI) पर पैसा बहा रहा है, लेकिन अब उसे इस प्रोजेक्ट पर इटली से झटका देने की तैयारी कर रहा है. चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से मुलाकात के दौरान इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने अलग होने के संकेत दिए हैं.

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BRI से क्यों पीछे हट रहा इटली
चीनी प्रधानमंत्री ली ने शनिवार को शिखर सम्मेलन से अलग इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात कर बातचीत की थी. इस दौरान पीएम मेलोनी ने इस प्रोजेक्ट से हटने की मंशा जाहिर की. हालांकि, चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि इटली इससे खुद को अलग कर लेगा. ऐसे में चीन के लिए यह बड़ा झटका होगा. इटली का मानना है कि इस प्रोजेक्ट का कोई भविष्य नहीं है और ना ही इससे उसे कोई फायदा होने वाला है. लिहाजा वह चीन के साथ इस प्रोजेक्ट में बना नहीं रहना चाहता है. हालांकि, पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने दिल्ली में ली से मुलाकात के दौरान अपने यहां पर निवेश और व्यापार करने के लिए निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल देने का वादा किया. इटली ने कहा कि व्यापार के लिए अनूकुल माहौल मुहैया कराया जाएगा. 

चीन के प्रोजेक्ट के जवाब में नया कॉरिडोर का ऐलान

इससे पहले जी 20 सम्मेलन के दौरान भारत ने यूरोप और अमेरिका समेत कई अन्य देशों के साथ महत्वाकांक्षी इंडिया मिडिल ईस्ट कॉरिडोर ऐलान किया था. इस नए कॉरिडोर को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. इस कॉरिडोर में 8 देश शामिल हैं.