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इजरायली पीएम ने फिर दोहराई हमास को खत्म करने की प्रतिज्ञा, बोले- "जरूरत पड़ी तो..."

Israel Hamas War: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को खत्म करने की अपनी प्रतिज्ञा को एक बार फिर से दोहराया. साथ ही उन्होंने इसके लिए जरूरत पड़ने पर दुनिया के खिलाफ खड़े होने की बात तक कह डाली.

Updated on: 12 Nov 2023, 06:23 PM

highlights

  • इजरायली पीएम नेतन्याहू का बड़ा बयान
  • हमास को खत्म करने की दोहराई प्रतिज्ञा
  • "दुनिया के खिलाफ जाकर करेंगे हमास का खात्मा"

New Delhi:

Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग को एक महीना बीत चुकी है. इजरायल ने बदले की कार्रवाई करते हुए हमास के सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया है. इसके साथ ही गाजा पट्टी में हजारों लोगों की जान भी गई है. इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बार फिर से हमास के खत्म करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई. टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में नागरिकों की मौत पर वैश्विक आलोचना का सामना कर रहे नेतन्याहू ने पलटवार करते हुए हमास को खत्म करने की प्रतिज्ञा को फिर से दोहराया साथ ही, "यदि जरूरत पड़ी तो दुनिया के खिलाफ मजबूती से खड़े रहने" का वादा भी किया.

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एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योव गैलेंट और मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने पश्चिमी नेताओं से यहूदी राज्य को अपना समर्थन देने का भी आग्रह किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी जीत का मतलब "संपूर्ण स्वतंत्र दुनिया के लिए भी जीत" होगा.

फिलिस्तीनी प्राधिकरण की वापसी का विरोध करेगा इजरायल

इसके साथ ही पीएम नेतन्याहू ने ये भी संकेत दिया कि इज़राइल युद्ध के बाद गाजा में फिलिस्तीनी प्राधिकरण की वापसी का विरोध करेगा. बता दें कि पिछले सप्ताह के अंत में कई देशों द्वारा गाजा पट्टी में बिगड़ती मानवीय स्थिति और मारे गए नागरिकों पर चिंता व्यक्त करने के बाद यह प्रतिक्रिया आई. इससे पहले शुक्रवार को, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आग्रह किया कि गाजा में नागरिकों की सुरक्षा के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की जरूरत है. उन्होंने ये भी सुनिश्चित करने को कहा कि मानवीय सहायता उन तक पहुंचे, उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान "बहुत सारे फिलिस्तीनी मारे गए हैं".

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नेतन्याहू ने किया युद्धविराम का विरोध

इससे पहले इजरायली पीएम नेतन्याहू युद्धविराम का भी विरोध कर चुके हैं. नेतन्याहू ने युद्धविराम के अपने विरोध के लिए दुनिया भर से समर्थन का आग्रह किया, जिसमें हमास के आतंकियों द्वारा गाजा में रखे गए सैकड़ों बंधकों की वापसी शामिल नहीं है. इसके साथ ही नेतन्याहू ने अमेरिकियों से हमास के विनाश की मांग में शामिल होने का भी आह्वान किया. टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकांश अमेरिकी इस अहसास को साझा करते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ देशों में, ऐसे लोग हैं जो नेताओं पर युद्धविराम के लिए दबाव डाल रहे हैं, यह स्पष्ट रूप से फिलिस्तीन समर्थक बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों की ओर इशारा करते हैं. 

"अपने और दुनिया के लिए जीतना होगा इजरायल को युद्ध"

नेतन्याहू ने कहा, "दबाव के आगे मत झुकिए." "हमारा युद्ध आपका युद्ध है. इज़राइल को अपने और दुनिया के लिए जीतना होगा." उन्होंने कहा कि, "किसी भी मामले में, कोई भी अंतरराष्ट्रीय दबाव, आईडीएफ सैनिकों और हमारे राज्य के बारे में कोई गलत आरोप, इजरायल की खुद की रक्षा करने की जिद पर असर नहीं डालेगा." उन्होंने जोर देकर कहा कि, "अगर जरूरत पड़ी तो इजरायल दुनिया के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा."

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फ्रांस के राष्ट्रपति की टिप्पणी पर भी की आलोचना

यही नहीं बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की इस टिप्पणी की भी आलोचना की जिसमें मैक्रॉन ने कहा था कि बच्चों, महिलाओं और बूढ़ों पर इजरायली बमबारी का "कोई औचित्य नहीं" था. मैक्रॉन की आलोचना को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा, "उन्होंने तथ्यात्मक और नैतिक रूप से एक गंभीर गलती की है. यह हमास है जो नागरिकों की निकासी को रोक रहा है, इज़राइल नहीं." नेतन्याहू ने आगे कहा कि, "इज़राइल ने उन्हें जाने के लिए कहा है."

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नेतन्याहू ने कहा, "मैं फ्रांस के राष्ट्रपति और हमारे अन्य मित्रों से कहता हूं- यह (हमास) आप तक भी पहुंचेगा." उन्होंने कहा, "इस दोहरे युद्ध अपराध को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को छूट नहीं दी जानी चाहिए. हम वास्तव में नागरिकों या गैर-लड़ाकों को नुकसान कम करने के लिए सब कुछ कर रहे हैं, लेकिन हम अपनी प्रतिक्रिया के बिना हमास को अपने नागरिकों की हत्या करने का लाइसेंस नहीं देंगे." इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा, "हम नैतिक उपदेश के बिना कुछ नहीं कर सकते.'' नेतन्याहू ने आगे कहा, 7 अक्टूबर को, 2000 से अधिक हमास आतंकवादियों ने इजरायली सीमाओं का उल्लंघन किया और एक भयानक आतंकवादी हमले को अंजाम दिया, जिसमें 1400 से अधिक लोग मारे गए.