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परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों में संघर्ष रोकने के लिए UN, अमेरिका को कार्रवाई करनी चाहिए: इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय शक्तियों से, भारत के साथ तनाव कम करने में मदद का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें दोनों परमाणु हथियार रखने वाले देशों को उस स्थिति में पहुंचने से रोकने के लिए

Updated on: 23 Jan 2020, 02:30 AM

दावोस:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय शक्तियों से, भारत के साथ तनाव कम करने में मदद का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें दोनों परमाणु हथियार रखने वाले देशों को उस स्थिति में पहुंचने से रोकने के लिए निश्चित रूप से कदम उठाने चाहिए जहां से वापस नहीं लौटा जा सके. डॉन अखबार के मुताबिक, यहां विश्व आर्थिक मंच की बैठक में शामिल होने आए खान ने दावा किया कि भारत संशोधित नागरिकता कानून और कश्मीर के मुद्दे को लेकर घरेलू प्रदर्शनों से ध्यान हटाने के लिए सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है.

दावोस में मंच की वार्षिक बैठक से इतर अंतरराष्ट्रीय मीडिया परिषद को दिए एक साक्षात्कार में इमरान खान ने कहा कि दो ऐसे परमाणु हथियार संपन्न देशों को संघर्ष के बारे में सोचना तक नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका को निश्चित रूप से कदम उठाने चाहिए. इससे एक दिन पहले उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी जिन्होंने कश्मीर मामले में मदद की अपनी पेशकश फिर दोहराई.

अखबार ने कहा कि इमरान खान ने यह मांग भी की कि भारत और पाक में नियंत्रण रेखा पर संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को मंजूरी दी जाए. भारत कहता रहा है कि जनवरी 1949 में बना यूएनएमओजीआईपी अपनी उपयोगिता खो चुका है और शिमला समझौते और उसके बाद नियंत्रण रेखा बनने से यह अप्रासंगिक हो चुका है. इमरान खान ने कहा कि 2018 में पद संभालने के बाद जब उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से संपर्क किया तो सामने एक दीवार थी और पुलवामा में हमले में 40 सीआरपीएफ कर्मियों की मौत के बाद बालाकोट में भारतीय हवाई हमले से स्थितियां और बिगड़ गईं.

उन्होंने कहा कि पिछले साल जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने से चीजें ‘बद् से बद्तर’ हो गईं. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात के बारे में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ट्रंप को बताया है कि ईरान के साथ युद्ध के विनाशकारी परिणाम होंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या ट्रंप उनकी बात से सहमत थे, खान ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कुछ नहीं कहा लेकिन संभवत: वह उनका आशय समझ चुके थे.

उन्होंने कहा कि ईरान और पश्चिमी जगत में अगर संघर्ष होता है तो यह विनाशकारी होगा- इससे दुनिया में गरीबी आएगी-और कौन जानता है कि यह कितना लंबा चले. मेरे विचार में यह उन्मादपूर्ण होगा. खान ने कहा कि मैंने कल राष्ट्रपति ट्रंप से बात की थी और उन्हें बताया कि यह विनाशकारी होगा.