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इमरान खान ने जिस थाली में खाया उसी में किया छेद, शी चिनपिंग का नाराज होना तय

कश्मीर को लेकर किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया 'कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन' को लगातार नजरअंदाज कर रहा है, जबकि हांगकांग में लोकतंत्र समर्थित आंदोलन पर लगातार सुर्खियां बना रहा है.

Updated on: 11 Oct 2019, 02:40 PM

highlights

  • पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अपनी ट्वीट में कश्मीर की तुलना हांगकांग से की.
  • हांगकांग को अपना अंदरूनी मसला बताने वाले चीन को नहीं आएगा यह कतई रास.
  • चीनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा से पहले एक बार फिर उगला कश्मीर पर जहर.

नई दिल्ली:

रात-दिन...सोते-जागते...कश्मीर-कश्मीर की रट लगाने वाले पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने कश्मीर की तुलना हांगकांग से कर चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग को नाराज करने का पूरा साज-ओ-सामान जुटा लिया है. शी चिनपिंग के भारत दौरे से पहले कश्मीर को लेकर किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया 'कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन' को लगातार नजरअंदाज कर रहा है, जबकि हांगकांग में लोकतंत्र समर्थित आंदोलन पर लगातार सुर्खियां बना रहा है.

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हांगकांग का जिक्र चीन को नहीं आने वाला रास
जाहिर है हांगकांग का जिक्र चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग को कतई रास नहीं आने वाला. हांगकांग को लेकर चीन के रवैये को इससे समझा जा सकता है कि इस मसले पर किसी तरह की आलोचना या विरोध के स्वर को चीन हर तरीके से दबा रहा है. प्रत्यर्पण अध्यादेश के खिलाफ हांगकांग के निवासी बीते चार महीने से सड़कों पर उतर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. उन्हें दबाने की चीनी कोशिश को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने बखूबी बेनकाब किया. इस मसले को अपना अंदरूनी मामला बताने वाला चीन हालांकि प्रत्यर्पण अध्यादेश वापस लेने को तैयार तो हो गया, लेकिन उसने आंदोलनकारियों से निपटने की दीर्घकालिक योजना तैयार कर रखी है.

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इमरान खान ने अपने पैरों पर खुद ही मारी कुल्हाड़ी
ऐसे में इमरान खान का हांगकांग के आंदोलन को लोकतंत्र समर्थक बताना चीनी शासकों को हजम होने वाला नहीं है. इमरान खान ने अपनी बौखलाहट में इस लिहाज से अंडा देने वाली मुर्गी के गले पर ही छुरी रख दी है. संयुक्त राष्ट्र से लेकर अन्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान का आंख बंद कर समर्थन करने वाला चीन इस पर जाहिर है कड़ी प्रतिक्रिया देगा. संभव है कि एफएटीए में पाकिस्तान पर प्रतिबंध के रास्ते में अब शायद ही चीन रोड़ा अटकाए. आतंकी फंडिंग पर रोक और गतिविधियों पर रोक लगाने के मसले पर पाकिस्तान की कार्रवाई कतई संतोषजनक नहीं है. ऐसे में उस पर अगले कुछ दिनों बाद होने वाली एफएटीए की बैठक में फैसला होना है. चीन को नाराज करने के बाद इस बात की प्रबल संभावना बन गई है कि चीन इस प्रस्ताव पर कोई अड़ंगा नहीं लगाएगा.

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कश्मीर पर फिर उगला जहर
शुक्रवार को की गई इस ट्वीट में इमरान खान कश्मीर के मसले पर फिर से दुष्प्रचार करने से बाज नहीं आए. हांगकांग से तुलना करने के साथ ही उन्होंने यह आरोप फिर से जड़ डाला कि 9 लाख भारतीय सैनिकों ने महज 8 लाख कश्मीरियों को उनके घर में बंधक बना रखा है. इन सैनिकों की मदद से ही भारत ने अनधिकृत तौर पर कश्मीर पर कब्जा कर लिया है. इसे अब तक का सबसे बड़े मानवीय संकट करार देते हुए इमरान खान ने यह भी कहा कि बीते दो महीने से कश्मीर में दूरसंचार सेवाएं प्रतिबंधित हैं. हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया है. इनमें स्थानीय नेता भी शामिल हैं.